दिल्ली हाईकोर्ट ने जज के लिए मौत की सजा की मांग करने वाले शख्‍स को सुनाई जेल की सजा

01 Nov, 2023
Deepa Rawat
Share on :

नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वादी नरेश शर्मा को छह महीने जेल की सजा सुनाई है, जिसने अपनी याचिकाएं खारिज करने वाले न्यायाधीश की मौत की सजा की मांग की थी।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति शैलेंदर कौर की खंडपीठ ने शर्मा को अदालत की अवमानना ​​का दोषी पाया और उसे दो हजार रुपये के जुर्माने के साथ छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने कहा कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे सात दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

अदालत ने निर्देश दिया कि शर्मा को हिरासत में लिया जाए और तुरंत तिहाड़ जेल को सौंप दिया जाए।

एकल न्यायाधीश के खिलाफ अपनी अपील में, शर्मा ने न्यायाधीश पर “अर्थहीन, अपमानजनक, आपराधिक, देशद्रोही निर्णय” देने का आरोप था और मृत्युदंड की मांग की थी।

पीठ ने शर्मा के आरोपों पर नाराजगी जताई और कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्हें अदालत की गरिमा और कानून की न्यायिक प्रक्रिया को बनाए रखते हुए सभ्य तरीके से अपनी शिकायतें व्यक्त करनी चाहिए।

अदालत ने कहा कि कारण बताओ नोटिस प्राप्त करने के बावजूद, शर्मा ने बेहद अपमानजनक जवाब दाखिल किया, इससे पता चला कि उन्हें अपने कार्यों के लिए कोई पछतावा नहीं है।

इससे पहले, अदालत ने एक न्यायाधीश के खिलाफ मनमाने और आपत्तिजनक आरोप लगाने वाले शर्मा के लिए बंद कमरे में सुनवाई के राज्य के वकील के अनुरोध को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि उनके (अदालत के) पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और उनका उद्देश्य पारदर्शिता है।

पीठ ने इस मामले में कोई भी रोक आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अवमाननाकर्ता को बोलने की स्वतंत्रता है, और यदि वह सीमाओं का उल्लंघन करना चाहता है, तो कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश सतीश चार्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने इन आरोपों को “प्रथम दृष्टया अदालत के अधिकार को बदनाम करने और कम करने के उद्देश्य से” माना था।

–आईएएनएस

सीबीटी

News
More stories
जदयू ने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर कसा तंज