नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। एप्पल ने इस साल की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में भारत में अपना अब तक का सबसे अधिक तिमाही शिपमेंट दर्ज किया, जो 2.5 मिलियन यूनिट को पार कर गया है।
बुधवार को सामने आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हाई ग्रोथ फेस का अनुभव करते हुए, एप्पल ने 34 प्रतिशत की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की।
शोध विश्लेषक शुभम सिंह ने कहा, “2023 की तीसरी तिमाही देश में एप्पल के शिपमेंट के लिए सबसे अच्छी तिमाही रही है, जो 2.5 मिलियन यूनिट को पार कर गई।”
शुभम सिंह ने आगे कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार में प्रीमियमीकरण शुरू हो गया है और एप्पल को अपने डिवाइसों और फाइनेंसिंग प्रस्तावों के माध्यम से इस ट्रेंड से लाभ उठाने का सही समय मिल गया है।
तीसरी तिमाही में भारत का स्मार्टफोन शिपमेंट स्थिर रहा। लगभग एक साल तक गिरावट के बाद, स्मार्टफोन बाजार में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारी सीजन में उपभोक्ता मांग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक शिल्पी जैन ने कहा, ”हमने कुछ दिलचस्प लॉन्च देखे हैं, जिनमें 5जी और हाई रैम (8जीबी) जैसी प्रमुख विशेषताएं किफायती स्मार्टफोन (10,000 रुपये से कम) तक फैली हुई हैं। कई ओईएम अब वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से और एक नई डिवाइस खरीदने की प्रतिदिन की लागत का मार्केटिंग करके दिलचस्प वित्तपोषण योजनाएं लेकर आ रहे हैं।”
सैमसंग ने अपनी ए और एम सीरीज़ की सफलता से प्रेरित होकर 17.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लगातार चौथी तिमाही में अपनी लीडिंग स्थिति बनाए रखी।
सिंह ने आगे कहा कि रेडमी 12 सीरीज की मजबूत मांग और ऑफलाइन विस्तार के कारण 16.6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ, सैमसंग के बाद शाओमी का स्थान रहा। शाओमी बजट सेगमेंट में 5जी तकनीक उपलब्ध कराने के अवसर का प्रभावी ढंग से फायदा उठा रही है। इसकी लेटेस्ट रेडमी 12 5जी सीरीज को उपभोक्ताओं से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।
वीवो ने तीसरा स्थान बरकरार रखा। लेकिन, शीर्ष पांच में सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड रहा, जिसने साल दर साल 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुभव किया।
वहीं वनप्लस 11आर की मजबूत बिक्री के कारण 29 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वनप्लस किफायती प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये से 45,000 रुपये) में शीर्ष ब्रांड था। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी तिमाही में 5जी स्मार्टफोन शिपमेंट की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत तक पहुंच गई।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम