नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। एबीपी न्यूज के लिए आयोजित एक विशेष सीवोटर जनमत सर्वेक्षण से पता चलता है कि तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए फिलहाल स्पष्ट विजेता का अनुमान लगाना मुश्किल है।
पिछली बार 2018 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद राज्य में कांग्रेस का पुनरुत्थान तेलंगाना में सर्वेक्षण से उभरने वाली सबसे उल्लेखनीय कहानी है।
सर्वे के मुताबिक, मौजूदा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 2018 के 28.3 फीसदी से बढ़कर 39.4 फीसदी होने का अनुमान है।
सत्ताधारी पार्टी बीआरएस (पूर्व में टीआरएस) का वोट शेयर 2018 के 46.9 प्रतिशत से घटकर मौजूदा चुनावों में 40.6 प्रतिशत होने का अनुमान है।
वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के 14.3 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहने का अनुमान है। यह 2018 में मिले वोट शेयर के दोगुने से भी ज्यादा है, लेकिन बहुमत की सीमा से काफी नीचे है।
सर्वेक्षण अनुमानों के अनुसार, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, भाकपा और माकपा जैसी अन्य प्रमुख पार्टियाँ, जिनका 2014 और 2018 में कुछ प्रतिध्वनि थी, लगभग अप्रासंगिक हो गई हैं। एआईएमआईएम ने राजधानी हैदराबाद के कुछ हिस्सों में अपना वोट शेयर बरकरार रखा है।
सर्वे के मुताबिक, तेलंगाना में बीआरएस के 49 से 61 सीटें जीतने का अनुमान है।
कुल 119 सीटों वाले सदन में बहुमत का आंकड़ा 60 है। 2018 में बीआरएस ने अपने दम पर 88 सीटें जीतकर राज्य में परचम लहराया था।
कांग्रेस का पुनरुत्थान पार्टी के लिए सीटों की अनुमानित सीमा से परिलक्षित होता है जो 43 से 55 के बीच है।
पिछले चुनाव में पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं।
भाजपा पांच से 11 के बीच सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है।
चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा, इसलिए अभी भी तीन सप्ताह से अधिक का प्रचार बाकी है।
सीवोटर सर्वेक्षण में राज्य के 9,631 पंजीकृत मतदाताओं का साक्षात्कार लिया गया और त्रुटि का मार्जिन तीन प्रतिशत है।
–आईएएनएस
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