केरल में जीका वायरस के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है| सोमवार को एक 73 साल की महिला में भी जीका वायरस की पुष्टि हुई थी, इसके बाद जीका वायरस के 5 नए मामले आयें राज्य में जीका वायरस के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है. इस पांच नए मामलों में अनायरा में दो लोग, कुन्नुकुझी, पट्टम और पूर्वी किले में एक-एक लोग जीका वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि अस्पताल के पास ही एक बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है और हो सकता है कि पहला मरीज यहीं से संक्रमित हुआ हो.
केंद्र ने 7 विशेषज्ञों की टीम भेजी
खबरों के अनुसार तिरुवनंतपुरम के डीएमओ डॉ. शीनू केएस ने बताया कि केरल के लिए जीका वायरस एक नई बीमारी है और इस बीमारी से निपटने के लिए ज्यादा अनुभव भी नहीं है. केंद्र की ओर से 7 विशेषज्ञों की एक टीम भेजी गई है. उन्होंने कहा कि जीका भी संक्रामक बीमारी है और इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है.
डॉ. शीनू ने बताया कि संक्रमण के फैलने का सोर्स क्या था, इसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है. क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हैं और उनके हैं और उनके बगीचों की हालत भी ऐसी है, जैसे पहले कभी नहीं थी. इसके अलावा खेतों और आसपास के इलाकों की भी ठीक तरह से सफाई नहीं हुई है. ऑफिस और दूसरे संस्थान भी लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े हैं. उन्होंने बताया कि जागरूकता फैलाने के लिए कैंपेन शुरू कर दिया गया है.
क्या है जीका वायरस? कैसे फैलता है?
जीका वायरस की पहचान युगांडा के जीका जंगल में हुई थी। 1947 में पहली बार वहीं पर वायरस को आइसोलेट किया गया था। इस वायरस का जीन डेंगू, पीला बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस से मिलता-जुलता है।
यह वायरस एडीज एजेप्टी (Aedes aegypti) नाम के मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के वक्त काटता है। यही मच्छर डेंगू और चिकुनगुनिया भी देता है। यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इससे बच्चे में विकृति आ जाती है।
जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?
जीका के लक्षण डेंगू से काफी मिलते-जुलते हैं। आमतौर पर वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 3 दिन से लेकर दो हफ्ते तक का होता है जिसके बाद लक्षण दिखते हैं। लक्षण सामान्यत: 2 से 7 दिन तक रहते हैं।
जीका वायरस से संक्रमित लोगों बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। कुछ केसेज में कंजक्टिवाइटिस भी हो सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर लोगो में लक्षण नहीं दिखते।
जीका वायरस से बचाव कैसे हो सकता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मच्छरों से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:
एक्सपोज्ड स्किन पर 20%-30% DEET या 20% पिकारिडीन वाला रेपेलेंट इस्तेमाल करें
न्यूट्रल कलर के कपड़े पहनें, अगर संभव हो तो लंबी बाहों के कपड़े पहनें
अगर उपलब्ध हो तो कपड़ों की बाहरी सतह को प्रीमेथरिन से स्पे करें
घर में पानी जमा न होने दें।
पहले सनस्क्रीन लगाएं और फिर रेपेलेंट