कोलकाता, 2 नवंबर (आईएएनएस)। कोलकाता के कई खुदरा बाजारों में गुरुवार को प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं।
कोलकाता के खुदरा बाजारों में प्याज की न्यूनतम कीमत जहां 80 रुपये प्रति किलोग्राम है, वहीं पॉश इलाकों में स्थित कुछ बाजारों में यह 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है।
खुदरा बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए बनाई गई पश्चिम बंगाल सरकार की टास्क फोर्स के सदस्यों को आशंका है कि काली पूजा, दिवाली और भाई फोटा (भाई दूज) के आगामी त्योहारी सीजन के दौरान कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसके बाद कीमतें कम हो सकती हैं।
टास्क फोर्स के सदस्यों ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस के साथ, उन्होंने विभिन्न खुदरा बाजारों का दौरा करना शुरू कर दिया है और विक्रेताओं से प्याज की कीमत उचित सीमा के भीतर बनाए रखने के लिए कहा है।
उनका मानना है कि आंतरिक और बाहरी कारकों के संयोजन के कारण प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं।
टास्क फोर्स के एक सदस्य ने कहा, ”पश्चिम बंगाल में प्याज का उत्पादन सीमित है और हमें आपूर्ति के लिए मुख्य रूप से महाराष्ट्र के नासिक पर निर्भर रहना पड़ता है।
पहली समस्या तो ये है कि वहां प्याज आपूर्तिकर्ता हड़ताल पर हैं। केंद्र सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से सीधे प्याज खरीद रही है।
लेकिन, वहां केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है, जहां वह दिल्ली में 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रही है, वहीं पश्चिम बंगाल में 50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रही है।”
उन्होंने स्वीकार किया कि इस तरह के भेदभाव के बाद भी खुदरा बाजारों में प्याज की इतनी ऊंची कीमतों का कोई कारण नहीं है और ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ बिचौलिए और जमाखोर कृत्रिम रूप से कीमत बढ़ा रहे हैं।
–आईएएनएस
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