पाकिस्तान आगामी पहली समीक्षा पर आईएमएफ की मंजूरी पाने को लेकर आशान्वित

01 Nov, 2023
Deepa Rawat
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इस्लामाबाद, 1 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) गुरुवार को 3 अरब डॉलर के स्टैंड-बाय-अरेंजमेंट (एसबीए) की पहली समीक्षा करने के लिए मेज पर होंगे। इस्लामाबाद को भरोसा है कि वह अप्रूवल के साथ समीक्षा के माध्यम से आगे बढ़ेगा क्योंकि उसने सभी वित्तीय लक्ष्य पूरे कर लिए हैं।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने एसबीए के तहत पहली समीक्षा (जुलाई से सितंबर) के सफल समापन के बारे में आशा व्यक्त किया। साथ ही कहा कि सरकार को व्यवस्था के महत्व और आईएमएफ की सभी जरूरतों के अनुपालन की आवश्यकता का एहसास है।

जुलाई में, पाकिस्तान और आईएमएफ नौ महीने की अवधि के बेलआउट पैकेज के लिए एसबीए के पास पहुंचे थे। पाकिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर की पहली किस्त प्राप्त हुई और अब वह फंड के देश प्रमुख नाथन पोर्टर के नेतृत्व वाले आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के सामने अपना आर्थिक प्रदर्शन पेश करने के लिए तैयार है।

हालांकि इस्लामाबाद का आशावाद सही प्रतीत हो रहा है। लेकिन कुछ चुनौतियां हैं, जिन पर सरकार को आईएमएफ के साथ अपनी समीक्षा बैठकों के दौरान जांच का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान के लिए मुख्य चुनौतियों में से एक बाहरी वित्तपोषण रहा है, जो समीक्षा के दौरान जांच के दायरे में आ सकता है।

चालू वित्त वर्ष के लिए विदेशी कमर्शियल बैंकों से 4.5 बिलियन डॉलर का ऋण और यूरोबॉन्ड जारी करके 1.5 बिलियन डॉलर का बजट अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

30 अक्टूबर को मौद्रिक नीति के बयान के अनुसार, इस बात पर जोर दिया गया कि निजी क्षेत्र को ऋण के लिए जगह बनाने और बैंकिंग सिस्टम के एनएफए को मजबूत करने और सुधारने के लिए अपेक्षित बाहरी प्रवाह की प्राप्ति की तत्काल जरूरत है।

दूसरी ओर, नए टैक्स कलेक्शन उपायों और उनके प्रभावी कार्यान्वयन ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में राजस्व कलेक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो टारगेट से ज्यादा था।

वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ”पेट्रोलियम लेवी सहित नॉन-टैक्स राजस्व कलेक्शन में वृद्धि से प्रेरित शुद्ध संघीय राजस्व में पर्याप्त वृद्धि, राजस्व प्रदर्शन में पॉजिटिव ट्रेंड को दर्शाती है।”

अंतरिम ऊर्जा मंत्री मुहम्मद अली ने कहा कि देश गैस और तेल क्षेत्र के मामले में भी लक्ष्य पर है। सरकार ने पूर्ण लागत वसूली हासिल करने और दोनों क्षेत्रों के परिपत्र ऋण को रोकने और कम करने के लिए गैस और बिजली दरों में वृद्धि की।

जहां तक राज्य के मालिकाना हक वाली संस्थाओं (एसओई) के लिए केंद्रीय निगरानी इकाई की स्थापना का सवाल है, फाइनेंस डिवीजन में एक सीएमयू स्थापित किया गया है और यह पिछले तीन वर्षों से एसओई की प्रदर्शन रिपोर्ट तैयार करने पर काम कर रहा है।

इन रिपोर्टों को दिसंबर में होने वाली दूसरी समीक्षा के दौरान आईएमएफ के साथ साझा किया जाएगा।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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