चंडीगढ़, 6 मार्च – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बनाना है।
वे आज एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत झींगा मछली पालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती, कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), कृषि यंत्रीकरण और एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार इसके उत्पादों को बेहतर समर्थन मूल्य देने की योजना बना रही है। किसानों को अपने उत्पादों का अधिक मूल्य दिलाने के लिए एफपीओ से जोड़ा जा रहा है। आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है और एग्रो टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर विविधिकृत फसलों की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने पर एक देशी गाय खरीदने के लिए 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जिसे जल्द ही 30,000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा। हरियाणा में गुरुकुल (कुरुक्षेत्र), घरौंडा (करनाल), जींद और मंगियाना (सिरसा) में चार प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए गए हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक हरियाणा के 20.69 लाख किसानों को 6563 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि फसल खराब होने की स्थिति में किसानों के नुकसान की जानकारी ब्लॉक और जिला स्तर पर कृषि अधिकारियों द्वारा एकत्र की जाती है। इसके बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाता है।
पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों पर 50 से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है और अब तक 1,00,882 मशीनें वितरित की जा चुकी हैं। धान अवशेष प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत धान के बजाय अन्य फसलों को अपनाने पर 7,000 रुपये प्रति एकड़ और धान की सीधी बुवाई को अपनाने पर 4,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जा रही है। रेड जोन पंचायतों को पराली जलाने से रोकने के लिए 1,00,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए अनेक कदम उठा रही है। प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि तकनीकों, एफपीओ और एग्रो टूरिज्म जैसी योजनाओं से किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।