सिद्दारमैया ने भाजपा को निशाने पर लिया, कहा- बीजेपी नेताओं का सूखा अध्ययन दौरा दिखावा

31 Oct, 2023
Deepa Rawat
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बेंगलुरु, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्नाटक भाजपा नेताओं का सूखा अध्ययन दौरा एक दिखावा है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को सूखा राहत प्रदान करनी चाहिए, वे दिल्ली में बैठे हैं, ये राज्य भाजपा नेता केंद्र में अपने आकाओं से अपील करने के बजाय सूखा अध्ययन यात्रा कर रहे हैं।

सीएम ने सवाल किया, “प्रिय भाजपा नेताओं, आपकी अपनी पार्टी की सरकार ने कर्नाटक में सूखे की स्थिति का अध्ययन करने के लिए दिल्ली से विशेषज्ञों की एक टीम भेजी है। लेकिन अब, आप उसी उद्देश्य से यात्रा कर रहे हैं। क्या आपको अपनी ही सरकार की सूखा अध्ययन टीम पर भरोसा नहीं है?”

उन्‍होंने कहा, “हमारी सरकार के अध्ययन के अनुसार, सूखे के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 33,770 करोड़ रुपये है। हमने केंद्र सरकार से 17,901 करोड़ रुपये की राहत का अनुरोध किया है। दुर्भाग्य से हमें एक पैसा भी नहीं मिला।”

सीएम ने कहा, “प्रिय भाजपा नेताओं, यदि आप वास्तव में राज्य के किसानों की परवाह करते हैं, तो पहले अपनी सरकार से उनके लिए राहत की मांग करें। कितने भाजपा सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कर्नाटक के लिए राहत कोष की मांग की है?”

उन्होंने आगे कहा, “आपने यह दावा करके कर्नाटक के भोले-भाले लोगों को मूर्ख बनाया कि यदि ‘डबल इंजन’ सरकार सत्ता में आई तो राज्य में अभूतपूर्व विकास होगा।”

उन्होंने सवाल किया, “ये सांसद क्या कर रहे हैं? वे बेकार क्यों बैठे हैं? क्या उन्होंने कभी केंद्र सरकार द्वारा राज्य के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है?”

सीएम ने तंज कसते हुए कहा, “प्रिय भाजपा नेताओं, आपको दिल्ली का दौरा करना चाहिए, राज्य का नहीं। अपने 25 लोकसभा सदस्यों को दिल्ली ले जाएं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलें और जरूरत पड़ने पर उनसे सवाल करें और राहत राशि मांगें। यदि आपमें उनसे बात करने का साहस नहीं है, तो कम से कम मेरे लिए प्रधानमंत्री से मिलने का समय तय कर लें।”

उन्होंने पूछा, जमीन, पानी और भाषा के मुद्दे पर कर्नाटक के साथ अन्याय करने के बाद क्या भाजपा नेताओं में कोई शर्म बची है?

सिद्दारमैया ने कहा, “सूखा प्रभावित लोगों को आपकी सांत्वना के खोखले शब्दों की जरूरत नहीं है। उन्हें राहत की जरूरत है। जब आप सूखे की स्थिति का उपयोग तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं तो लोग आपको कैसे स्वीकार कर सकते हैं?”

–आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

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