नई दिल्ली: मेरठ में एक 10वीं की छात्रा ने खुद को पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। छात्रा का नाम हर्षिता दीवान था। परिजनों के मुताबिक, हर्षिता ने पढ़ाई के दवाब में आकर आत्महत्या की है। मामला 15 दिसंबर, गुरुवार दोपहर का है। हर्षिता कमरे में बंद थी और दरवाजा अंदर से बंद था, तभी स्वजनों ने गोली चलने की आवाज सुनी। वह दौड़कर कमरे की ओर पहुंचे। तब उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो हर्षिता का शव खून से लथपथ बेड पर पड़ा हुआ था। सूचना पर मेडिकल थाना पुलिस के साथ फोरेंसिक की टीम भी पहुंच गई। दरवाजा तोड़कर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की जांच की जा रही है। बता दें, पढ़ाई के दवाब में आकर छात्रों का सुसाइड करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले……..
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I am Failed…आई एम सॉरी मम्मी-पापा
मामला कोटा के बोरखड़ा में नया नोहरा इलाके का था। करीब तीन महीने पहले नीट की तैयारी कर रहे कोचिंग स्टूडेंट अभिषेक ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। उसके पास से पुलिस को सुसाइड नोट मिला था। लिखा- I am Failed…आई एम सॉरी मम्मी-पापा। मैं पढ़ना चाहता था, लेकिन दिमाग पता नहीं कैसा हो गया। इधर-उधर की चीजें सोचता रहता हूं।
2 दिसंबर को काव्या ने अपने कमरे में लगाई थी फांसी
2 दिसंबर को किशोरापुर की रहने वाली 19 साल की काव्या ने अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। वह 19 साल की थी और मेडिकल की तैयारी कर रही थी। पढ़ाई का तनाव काव्या के सुसाइड करने के कारण बताया गया था।
उज्जवल और अंकुश ने एक ही दिन लगाई थी फांसी
12 दिसंबर को उज्जवल और अंकुश नाम के दो छात्रों ने सुसाइड कर ली थी। दोनों बिहार के रहने वाले थे। दोनों एक ही हॉस्टल में रहते थे और दोनों के कमरे भी पास- पास थे। दोनों ने एक ही दिन फांसी लगाई थी।
शिखा ने 5वीं मंजिल से कूदकर कर ली थी आत्महत्या
एक साल पहले छात्रा ने हॉस्टल की 5वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा शिखा यादव (17) कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही थी। 1 साल से कोटा में थी। एक दिन पहले ही पिता बेटी को अपने साथ ले जाने के लिए कोटा आए थे। इस बात को लेकर दोनों में मनमुटाव हो गया था। इसी से गुस्सा होकर छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी।
पढ़ाई के दवाब से मरने वालों को आंकड़ा
NCRB के साल 2021 के रिपोर्ट के मुताबिक, 10732 बच्चों में से 864 बच्चे ऐसे थे। जिन्होंने परीक्षा की डर से सुसाइड कर लिया। इन सभी की उम्र 18 साल से कम थी। साल 2021 में सबसे ज्यादा सुसाइड छात्रों ने महाराष्ट्र में की थी। वहां एक साल में 1834 बच्चों ने सुसाइड कर लिया था। बता दें कि साल 2020 में कुल 12,526 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई थी। ये संख्या साल 2021 में बढ़कर 13089 हो गई।
इन राज्यों में साल 2014 ,2015 और 2016 में इतने बच्चों ने की थी सुसाइड
- बिहार में साल 2014 में 79 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 62 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 171 लोगों ने सुसाइड की थी।
- छत्तीसगढ़ में साल 2014 में 416 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 730 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 633 लोगों ने सुसाइड की थी।
- गुजरात में साल 2014 में 367 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 469 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 556 लोगों ने सुसाइड की थी।
- झारखण्ड में साल 2014 में 142 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 138 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 233 लोगों ने सुसाइड की थी।
- मध्य प्रदेश में साल 2014 में 645 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 625 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 838 लोगों ने सुसाइड की थी।
- महाराष्ट्र में साल 2014 में 1191 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 1230 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 1350 लोगों ने सुसाइड की थी।
- ओडिशा में साल 2014 में 325 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 330 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 390 लोगों ने सुसाइड की थी।
- राजस्थान में साल 2014 में 200 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 197 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 221 लोगों ने सुसाइड की थी।
- उत्तर प्रदेश में साल 2014 में 252 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 229 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 263 लोगों ने सुसाइड की थी।
- पश्चिम बंगाल में छत्तीसगढ़ साल 2014 में 709 छात्रों ने सुसाइड की थी। साल 2015 में 676 लोगों ने सुसाइड की थी। वहीं साल 2016 में 1147 लोगों ने सुसाइड की थी।
Edit By Deshhit News