Guru Purnima 2021: अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ। उन्होंने चारों वेदों का ज्ञान दिया और सभी 18 पुराणों की रचना की। इस दिन गुरु पूजा की जाती है। महर्षि व्यास को आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से जाना जाता है। भक्तिकाल के संत घीसादास का जन्म भी इसी दिन हुआ। वह कबीरदास के शिष्य थे।
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन से चार माह तक साधु-संत एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। इसलिए यह चार माह अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने के साथ भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना करें। सत्यनारायण कथा का पाठ या श्रवण करें। इस दिन हर व्यक्ति को अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए। इस तिथि को गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा से सौ यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के मंत्र का जाप करें। श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। गुरु पूर्णिमा के दिन खीर का भोग लगाने और दान करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
- गुरु पूर्णिमा के दिन पर अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु का पूजन करने की परंपरा है।
- गुरु का जीवन में उतना ही महत्व है, जितना माता-पिता का। माता-पिता के कारण इस संसार में हमारा अस्तित्व होता है, लेकिन जन्म के बाद एक गुरु ही व्यक्ति को ज्ञान और अनुशासन का ऐसा महत्व सिखाता है, जिससे व्यक्ति अपने सत्कर्मों और सद्विचारों से जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है।
- सद्गुरु ने ही भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया, इसलिए गुरु पूर्णिमा को अनुशासन पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस प्रकार व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास गुरु ही करता है, जिससे जीवन की कठिन राह आसान हो जाती है।
- सार यह है कि गुरु शिष्य के बुरे गुणों को नष्ट कर उसके चरित्र, व्यवहार और जीवन को ऐसे सद्गुणों से भर देता है, जिससे शिष्य का जीवन संसार के लिए एक आदर्श बन जाता है। ऐसे गुरु को ही साक्षात ईश्वर कहा गया है इसलिए जीवन में गुरु का होना ज़रूरी है।
पूजा का शुभ मुहूर्त- Guru Purnima 2021
- गुरु पूर्णिमा शनिवार, जुलाई 24, 2021
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – जुलाई 23, 2021 को 10:43 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त – जुलाई 24, 2021 को 08:06 बजे