मुख्य बिंदु:
45 साल बाद पूरा हुआ शाहपुर कंडी बैराज: पंजाब के पठानकोट जिले में स्थित यह बांध जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच विवाद के कारण 45 साल तक अधूरा रहा।
भारत का रावी नदी पर अधिकार: सिंधु जल संधि के तहत रावी, सतलुज और ब्यास नदियों के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है।
विवाद और देरी: 1979 में परियोजना शुरू हुई, 1998 में पूरा होने का लक्ष्य था, लेकिन पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बीच विवाद और अन्य कारणों से यह 2024 तक अधूरा रहा।
मध्यस्थता और समझौता: 2018 में केंद्र सरकार ने मध्यस्थता की और दोनों राज्यों के बीच समझौता कराया, जिसके बाद परियोजना पूरी हुई।
लाभ: रावी नदी का पानी अब जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए उपयोग किया जाएगा।
अतिरिक्त जानकारी:
रणजीत सागर बांध 2001 में पूरा हुआ था।
शाहपुर कंडी बांध 55.5 मीटर ऊंचा है और इसकी कुल स्थापित क्षमता 206 मेगावाट है।
इस बांध से जम्मू को 1,150 क्यूसेक पानी मिलेगा।
कठुआ और सांबा जिले के 32000 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।
इस बांध से पंजाब और राजस्थान को भी सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए पानी मिलेगा।
यह खबर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह न केवल पानी के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि जलविद्युत उत्पादन के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा।
संदीप उपाधायाय
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