देहरादून: यमुनोत्री धाम की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब, घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी से यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों को 60 मिनट के अंदर दर्शन कर लौटना होगा। ऐसा नहीं करने पर संचालक बिना यात्री के ही वापस आ जाएंगे।
नई व्यवस्था की मुख्य बातें:
- समय सीमा: घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी से यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों को दर्शन के लिए 60 मिनट का समय दिया जाएगा।
- घोड़े-खच्चरों की संख्या: जानकीचट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े-खच्चरों की अधिकतम संख्या 800 निर्धारित की गई है।
- आवागमन का समय: घोड़े-खच्चरों का आवागमन सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगा।
- डंडी-कंडी की संख्या: जानकीचट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाली डंडी-कंडी की अधिकतम संख्या 300 निर्धारित की गई है।
- डंडी-कंडी का आवागमन: डंडी-कंडी का आवागमन सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक होगा।
- प्रीपेड काउंटर: घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी का संचालन प्रीपेड काउंटर से होगा। पर्ची भी वहीं काटी जाएगी और वहीं पर भुगतान किया जाएगा।
- सूचना: यात्रियों को लाउडस्पीकर से जानकारी दी जाएगी।
यह बदलाव क्यों जरूरी है:
- भीड़भाड़ में कमी: इससे यमुनोत्री धाम में भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे दर्शन करने में लगने वाला समय कम होगा।
- सुरक्षा में वृद्धि: घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी की निर्धारित संख्या से सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा।
- सुव्यवस्थित यात्रा: यह व्यवस्था यमुनोत्री यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नई व्यवस्था का पालन करें और समय पर दर्शन कर वापस लौटें।
यह बदलाव यमुनोत्री यात्रा को सुगम बनाने और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Tags : #यमुनोत्री #यात्रा #नईव्यवस्था #समयसीमा #घोड़ेखच्चर #डंडीकंडी #प्रीपेडकाउंटर #सुरक्षा
Deepa Rawat