बिहार के CM नितीश कुमार ने आज के बैठक में राज्य में लागू शराबबंदी को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है. जी हाँ, मिली जानकारी के अनुसार, अगर शराब माफिया की गिरफ्तारी हो जाती है तो शराब पीने वाले को जेल नहीं जाना होगा। नितीश सरकार ने बिहार पुलिस और मद्य निषेध विभाग को इसमें विशेष अधिकार दिया है.
नई दिल्ली: शायद यह खबर सुनकर आप चौंक गये हों, लेकिन इसके पीछे की वजह और भी चौंकाने वाली है. दरअसल बिहार में शराबियों की वजह से जेल पूरी तरह से भर गए हैं और जेल में नए कैदियों को रखने की जगह कम पड़ गई है। नवंबर 2021 में आये आंकडो की मानें तो, साल 2021 में बिहार से 49 हजार 900 लोगों की गिरफ्तारी केवल शराब के कारण हुई थी. साथ ही इस दौरान कुल 38 लाख 72 हजार 645 लीटर अवैध शराब जब्त किये गये थे.
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ऐसे में शराबबंदी कानून में संशोधन करना वाकिय जरूरी था. इसीलिए सरकार ने अब इसपर एक मुख्य फैसला लिया है की शराब पीते पकड़े जाने पर सिर्फ शराब माफियाओं की जानकारी देनी होगी। राज्य सरकार के ताजा आदेश के अनुसार अब शराब पीने वालों को पुलिस जेल नहीं भेजेगी बशर्ते शराबियों को अब शराब तस्करों का पता बताना पडे़ेगा। जिसके बाद पुलिस शराब तस्करों के अड्डे पर छापा मारेगी और उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा. वहीं, इस बारे में संबंधित विभागों को भी जानकारी भेज दी गई है।
बिहार में शराबबंदी के बाद शराब तस्करियों के एक्टिव होने से विपक्ष लगातार नितीश सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था. वहीं विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने पुलिस के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि शराब की अगर 100 बोतल पकड़ी जाती हैं, तो पुलिस सिर्फ 5 दिखाती है.
बिहार के हर शहर में शराब असानी से मिल रहे हैं। ऐसे में, शराबबंदी बिहार में फेल बताया जाने लगा और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। क्यूंकि शराब तस्करों की गिरफ्तारी से कोर्ट और जेल दोनों पर ही भारी बोझ बढ़ा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए बिहार सरकार से सवाल-जवाब किया और पूछा की क्या उन्होंने ये कानून बनाने से पहले अदालती सिस्टम को लेकर कोई अध्ययन किया था? हालाँकि, मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च को होनी है.
वहीं दूसरी ओर नीतीश सरकार अपने फैसले पर अटल है। उन्होंने शराबबंदी से हुए फायदे यानि कि कितने लोगों ने शराब पीना छोड़ा है इसका सर्वे भी कराने जा रही है।
इन सब के बिच ही बिहार सरकार ने अब गिरफ्तारी ना करने का बड़ा फैसला लिया है और शराब तस्करों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है।