शिवसेना के सांसद संजय राउत के घर मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है जिसमें कुल 11 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की है. इसमें 9 करोड़ रुपए की संपत्ति उनके दोस्त प्रवीण और 2 करोड़ की प्रॉपर्टी संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत की है.
नई दिल्ली: शिवसेना के सांसद संजय राउत के घर मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है जिसमें कुल 11 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की है. इसमें 9 करोड़ रुपए की संपत्ति प्रवीण और 2 करोड़ की प्रॉपर्टी संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनकी बेटी की बताई जा रही है. ये मामला 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चावल भूमि घोटाला का मामला है. ईडी इस मामले की जांच पहले से ही कर रही थी.
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राउत की पत्नी की जो संपत्ति जब्त की गई उनमें से अलीबाग की 8 जमीन और दूसरी ओर दादर स्थित फ्लैट है. वहीं इसी मामले के दूसरे आरोपी प्रवीण जो संजय राउत के दोस्त हैं. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. ईडी ने इस मामले में पिछले हफ्ते चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने अपनी जांच में कहा है कि इस प्रॉपर्टी की खरीद में अपराध का रास्ता अपनाया गया है.
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी की इस कार्रवाई अलीबाग में स्थित 8 प्लाट की जमीनें और साथ ही दादर स्थित फ्लैट भी शामिल है. इस मामले में संजय के दोस्त प्रवीण राउत गिरफ्तार भी हो चुके हैं और ईडी बीते हफ्ते कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. आपको बताते चले कि जांच के दौरान ईडी के सामने ये बात आई थी कि प्रॉपर्टी की खरीद के दौरान आपराधिक गतिविधियां हुईं हैं.
वही ईडी ने संजय राउत के परिवार वालों पर तो छापा मारा है ही साथ ही ईडी ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच सबसे पहले ईडी ने आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के परिवार से जुड़े मामले में भी कार्रवाई की थी. ईडी ने 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी. कुछ ईडी की खबरें सामने आई थीं कि जैन परिवार के कुछ सदस्य ऐसी फर्मों के साथ जुड़े थे, जो पीएमएलए के तहत जांच के दायरे में है. ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है.
संजय राउत ने कहा कि अगर इसमें मेरा नाम आता है तो मैं अपनी सम्पत्ति दान कर दूंगा, इसके लिए संजय राउत ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट कर लिखा कि “असत्यमेव जयते”
मामला क्या है ?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 2007 में, हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL ) की एक सहयोगी कंपनी, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था. गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किरायेदारों के लिए फ्लैट तैयार करने थे और कुलमिलाकर 3000 फ्लैट एमएचएडीए को सौंपने थे. कुल भूमि 47 एकड़ में थी. एमएचएडीए और पात्रा चॉल किरायेदारों को फ्लैट सौंपने के बाद गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को बची हुई भूमि को बिक्री और डेवलपमेंट के लिए अनुमति दी जानी थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने पात्रा चॉल को दिए जाने वाले किसी अन्य फ्लैट को डेवलप नहीं किया. बल्कि उसने 1,034 करोड़ रुपये में लगभग आठ अन्य बिल्डरों को जमीन बेच दी.