पूर्व भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा का मंगलवार सुबह निधन हो गया. यशपाल शर्मा का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है। यशपाल भारत की 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कभी शून्य पर पवेलियन नहीं लौटने का अनोखा रिकॉर्ड कायम करने वाले यशपाल शर्मा ने अब हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह इंग्लैंड में खेले गए 1983 के विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे, जहां भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रचा था। 1985 में अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले यशपाल शर्मा को सात साल के अंतराल में कभी कोई गेंदबाज शून्य पर आउट नहीं कर सका। यशपाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के रहने वाले थे, जिनका जन्म 11 अगस्त 1954 को हुआ था. पंजाब के स्कूल की ओर से खेलते हुए यशपाल शर्मा ने 260 रनों का पहाड़ स्कोर बनाया था, जिसके बाद से ही वो लगातार सुर्खियों में रहे थे.
रिटायर होकर भी क्रिकेट से जुड़े रहे यशपाल शर्मा
भारत के मीडिल ऑर्डर की रीढ़ रहे यशपाल शर्मा का लगभग पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित रहा. क्रिकेट से रिटायर होकर भी वो इस खेल से जुड़े रहे. वो टीम इंडिया के नेशनल सेलेक्टर भी बने. उनका पहला फेज सेलेक्टर की भूमिका में 2003 से दिसंबर 2005 तक का रहा. इसके बाद 2008 में इस रोल में उनकी दोबारा से वापसी हुई. बतौर सेलेक्टर उन्होंने भारतीय क्रिकेट से जुड़े कई अहम फैसलों में अपना योगदान दिया, जिसमें सौरव गांगुली बनाम ग्रेग चैपल विवाद भी शामिल है. टीम इंडिया के सेलेक्टर बनने से पहले उन्होंने कुछ वक्त तक अंपायरिंग भी की.