देहरादून : देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगाहबानी को तैयार हैं। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आज होने वाली पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना को 331 युवा अफसरों की टोली मिल गई है। इसके अलावा सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी आइएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बने हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली।
इस बार चौथे नंबर पर उत्तराखंड, आबादी के लिहाज से अब भी अव्वल
इस बार भी उत्तर प्रदेश हर बार की तरह सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य बना है। उत्तर प्रदेश के 63 कैडेट्स पासआउट होकर अफसर बनेंगे। जबकि, उत्तराखंड इस बार पहली बार की तुलना में दो पायदान पीछे खिसक गया है। पिछले साल जून की परेड में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या 33 थी। जो इस बार घटकर 25 रह गई है। लेकिन, आबादी के लिहाज से देखें तो इस बार भी कैडेट्स देने वालों में उत्तराखंड अव्वल है। इस साल सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार से एक भी कैडेट आईएमए से पास आउट नहीं होगा। जबकि, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिसा व पुडुचेरी से एक-एक कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बनेगा।
किन राज्यों से कितने
- उत्तर प्रदेश 63
- बिहार 33
- हरियाणा 32
- महाराष्ट्र 26
- उत्तराखंड 25
- पंजाब 23
- हिमाचल प्रदेश 17
- राजस्थान 19
- मध्य प्रदेश 19
- दिल्ली 12
- कर्नाटक 11
- झारखंड 8
- तमिलनाडु 8
- जम्मू कश्मीर 6
- छत्तीसगढ़ 5
- केरल 5
- तेलंगाना 3
- पश्चिम बंगाल 3
- गुजरात 2
- नेपाल मूल (भारतीय सेना) 2
पासिंग आउट परेड से घोड़ा-बग्घी की विदाई
भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में अब घोड़ा-बग्घी नहीं दिखाई देगी। बता दें, अभी तक निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्घी (पटियाला कोच) में परेड मैदान में पहुंचते थे। पटियाला के पूर्व महाराज ने यह बग्घी 1969 में आइएमए को भेंट की थी।
पटियाला कोच (घोड़ा-बग्गी) के अलावा आइएमए में जयपुर के पूर्व महाराज की ओर से उपहार स्वरूप दी गई जयपुर कोच, विक्टोरिया कोच व कमान्डेंट्स फ्लैग कोच भी चलन में रही है।
दरअसल, भारतीय सेना ने औपनिवेशिक या पुरानी प्रथाओं जैसे बग्घी, पाइप बैैंड आदि को समाप्त कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के आदेश के तहत इस बार आइएमए पासिंग आउट परेड से भी घोड़ा-बग्घी की विदाई हो गई है।