Uttarakhand Madrasa: अब उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत इसको लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का कहना है कि अब राज्य के 117 वक्फ बोर्ड के मदरसों में संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी. वहीं मदरसों में NCERT पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा.
देवभूमि उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने फैसला लिया है कि मदरसों में एनसीईआरटी के अंतर्गत आने वाले विषयों की पढ़ाई होगी। इसमें अन्य विषयों की तरह संस्कृत भाषा की भी पढ़ाई की जाएगी। यही नहीं, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कुरान का संस्कृत भाषा में अनुवाद भी कराया है।
वहीं, कॉन्ग्रेस ने हमेशा की तरह इस फैसले पर भी सवाल उठाया है। कॉन्ग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए कहा है कि वक्फ बोर्ड को कुरान का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी कराना चाहिए, ताकि बच्चों को अन्य भाषाओं की भी जानकारी मिल सके। बताते चलें कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड राज्य में 103 मदरसों का संचालन करता है।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने क्या कहा?
राज्य के वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस नए निर्णय का एलान करते हुए बताया कि, “राज्य के मदरसों में NCERT के अंतर्गत आने वेले विषय पढ़ाए जाएंगे। इसके लिए यहां नए और मॉर्डन मदरसे भी बनाए जा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि, संस्कृत विषय को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत में कुरान लिखी गई है। इस कुरान को मदरसा शिक्षा कमेटी में भी शामिल किया गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कसा तंज
उत्तराखंड के वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के इस फैसले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, “बोर्ड की इस पहल का स्वागत करता हूं। राज्य के मदरसों में संस्कृत के साथ ही साथ अन्य भाषाओं को भी पढ़ाने की जरूरत है ताकि छात्रों को अन्य भाषाओं का भी ज्ञान हो सके।”
उन्होंने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष पर तंज कसते हुए आगे कहा कि, आजकल बोर्ड के अध्यक्ष सिस्टम के करीब जाने के लिए चाटुकारिता करने में लगे हुए हैं।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत पढ़ाने की मांग करीब 6 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शासन के दौरान की गई थी। मगर तब मदरस वेलफेयर सोसाइटी की ये मांग खारिज कर दी गई थी।