नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रेनेवोशन में फिजूलखर्ची या वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई ने बुधवार से जांच शुरू कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग से सीएम आवास के रेनोवेशन से संबंधित सभी दस्तावेज 3 अक्टूबर तक जमा करने को कहा है. सीएम आवास के रेनोवेशन में करीब 45 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि पीएम घबराए हुए हैं, यह पहली पूछताछ नहीं है। पहले ही 50 से अधिक बार पूछताछ की जा चुकी है। साथ ही कहा कि उन्होंने मेरे खिलाफ 33 से अधिक मामले दर्ज किए हैं, वे पिछले 8 साल से जांच कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसलिए उन्होंने ये नई जांच शुरू की है, इसका भी स्वागत है, इस जांच में भी कुछ नहीं मिलेगा’।
इससे पहले उपराज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री आवास सौंदर्यीकरण में हुए खर्च को संज्ञान में लिया था। सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्रारंभिक जांच पर आम आदमी पार्टी का भी बयान सामने आया है। आप ने कहा है कि दिल्ली की 2 करोड़ जनता का आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल के साथ है। इस जांच से कुछ नहीं निकलेगा।
क्या है मामला?
अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली बीजेपी ने घर के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया था। वहीं कुछ महीने पहले ही एक स्टिंग ऑपरेशन में केजरीवाल के बंगले के अंदर का फोटो सामने बाहर आ गया था। इसमें बताया गया था कि यह रेनेवोशन उस समय हो रहा था जब दिल्ली कोरोना की भीषण महामारी से जूझ रहा था। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘केजरीवाल के अवैध बंगले के मामलें में CBI ने केस दर्ज किया कोरोना के काल में दिल्ली की जनता के पैसों से ग़ैर क़ानूनी शीशमहल बनाने का पाप केजरीवाल ने किया है, इस अपराध की सजा से केजरीवाल बच नहीं सकते।’