नवरात्रि के पहले दिन माँ मनसा देवी के दरबार में भक्तों का उमड़ा जन सैलाब।

15 Oct, 2023
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Shardiya Navratri 2023 : विश्व प्रसिद्ध मनसा देवी दरबार में शारदीय नवरात्रि (Navratri in Mansa Devi Mndir ) के पहले ही दिन भक्तों की लंबी कतार लग गई. आस्था का केंद्र बना हरिद्वार व पतित पावनी मां गंगा के तट पर विराजमान मां मनसा देवी दरबार में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन पूजन को पहुंच रहे हैं।

माँ मनसा देवी मंदिर में सुबह से ही भक्त माँ के दर्शन के लिए पहुंचना शुरू हो गए हैं, तड़के सुबह आज पहले तो माँ भगवती की विशेष आरती की गयी और बारी – बारी से भक्त माँ के दर्शन में जुट गए नवरात्रों के दिनों में माँ मनसा देवी का महत्त्व काफी मन जाता है ।

माँ मनसा देवी के मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहाँ पर सच्चे मन से माँ की भक्ति करता है , उसकी माँ मनसा देवी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मनसा देवी यानि मन की सभी इच्छा पूरी करने वाली देवी है माँ मनसा देवी हैं। माँ मनसा देवी के बारे में कई तरह की कथाओं का वर्णन पौराणिक ग्रन्थों में मिलता है। पुराणों में कहा गया है कि माँ मनसा देवी महर्षि कष्यप की मानस पुत्री थी। माँ मनसा देवी भगवान शिव की भी मानस पुत्री कहलाई थी। एक बार महिषासुर नाम के राक्षस का अत्याचार देव लोक के साथ ही पृथ्वी पर भी बढ गया था। उसके अत्याचारों से पूरे देव लोक में हाहाकार मचा हुआ था। सभी देवता महिषासुर के अत्याचारों से परेशान हो उठे थे। उससे बचने का कोई रास्ता उन्हें नही दिखाई दे रहा था। तब देवताओं ने मां मनसा भगवती की स्तुति की। मां भगवती दुर्गा ने रूप बदल कर महिषासुर का वध किया और पृथ्वी लोक के साथ ही देवताओं को महिषासुर से मुक्ति दिलाई। महिषासुर का वध करने के बाद मां दुर्गा ने इसी स्थान पर हरिद्वार में आकर विश्राम किया था। मां दुर्गा ने महिषासुर से मुक्ति दिलाकर देवताओं के मन की इच्छा पूरी की थी इस लिए वह मनसा देवी कहलाई। तभी से यहाँ पर उन्हें माँ मनसा देवी के रूप में पूजा जाता है।

इसके अलावा उनके बारे में एक और कथा है कि जब समुद्र मंथन के बाद निकले विष को सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शिव ने विष को अपने कंठ में ग्रहण कर लिया था। तब उस विष के प्रभाव से शिव विचलित हो गये थे। विष की ज्वाला से वह परेशान हो गये थे। तब भगवान शिव ने नाग कन्या मंसा देवी को अपने मन में इच्छा रूपी भाव से कन्या को जन्म दिया। तब नाग कन्या मंसा देवी ने शिव के कंठ से सारा विष खींच कर शिव को विष की ज्वाला से मुक्ति दिलाई थी।

इन्ही सारी मान्यताओं को मानते हुए भक्त भी सुबह से यहाँ पहुचने शुरू हो गए हैं, दूर – दूर से आने वाले भक्तों का कहना है है की माता के पहले नवरात्रे पर यहाँ आना उनके लिए काफी ख़ुशी की बात है और वो अपने आपको धन्य मान रहे हैं ।

भारती – भक्त हरिद्वार
श्रीमहंत रविन्द्र पूरी, अध्यक्ष, माँ मनसा देवी ट्रस्ट, हरिद्वार।
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