कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद : सुप्रीम कोर्ट को बताया गया, 16 सिविल मुकदमे हाईकोर्ट भेजे गए

31 Oct, 2023
Deepa Rawat
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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर । सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद के संबंध में मथुरा जिला न्यायाधीश द्वारा कुल 16 सिविल मुकदमे इलाहाबाद उच्च न्यायालय को भेज दिए गए हैं।

एक हलफनामे में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि ये मामले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन को सौंपे गए थे और 7 नवंबर को सुनवाई के लिए रखे जाएंगे।

कहा गया, “दो और मूल मुकदमे… जिला न्यायाधीश, मथुरा के पत्र दिनांक 26.08.2023 के माध्यम से प्राप्त हुए थे, और इसे 26.10.2023 को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा गया था और इसे खंडपीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।“

इसके अलावा, रजिस्ट्रार ने शीर्ष अदालत को हुई असुविधा के लिए बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वह भविष्य में हर मामले में अधिक सतर्क रहना सुनिश्चित करेंगे।

3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित जरूरी जानकारी और दस्तावेज भेजने के लिए एक सख्त अनुस्मारक भेजा था। इसने संबंधित रजिस्ट्रार को लिस्टिंग की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा था।

मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवाद के संबंध में विभिन्न राहतों की मांग करने वाली याचिकाओं का एक समूह अपने पास स्थानांतरित कर लिया था।

हिंदू श्रद्धालुओं ने अपनी ट्रांसफर याचिका में कहा था कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मामला राष्ट्रीय महत्व रखता है और इसकी सुनवाई हाई कोर्ट में होनी चाहिए। मस्जिद प्रबंधन समिति ने मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ यह कहते हुए अपील की है कि यह पक्षों को अपीलीय क्षेत्राधिकार से वंचित करता है और सभी पक्षों के पास उच्च न्यायालय जाने का साधन नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगा।

पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राय दी थी कि देरी और कार्यवाही की बहुलता से बचने के लिए यदि मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय द्वारा ही की जाए तो यह एक बेहतर विकल्प होगा। इसने रजिस्ट्रार जनरल से उन सभी लंबित मुकदमों की जानकारी मांगी थी, जिन्हें उच्च न्यायालय ने एक साथ जोड़ने और अपने पास स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मथुरा की विभिन्न अदालतों में कई मुकदमे दायर किए गए थे, जिसमें एक आम दावा था कि ईदगाह परिसर उस भूमि पर बनाया गया था, जिसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है और जहां एक मंदिर मौजूद था।

–आईएएनएस

एसजीके

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