Janmashtami 2021: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार उत्तराखंड समेत देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया गया,देखें वीडियो

31 Aug, 2021
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Janmashtami 2021: कल भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को सम्पूर्ण विश्व में भगवान कन्हैया का जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया ! वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड सहित सभी राज्यों में अपने अपने घरों कान्हा जी को विशेष रूप से सजाकर झूला झूलाया और सभी मंदिरों में धार्मिक आयोजन से लोग मंत्र मुग्ध हुए बिना नहीं रह सके।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बाजार में लोगों ने पहुुंचकर खरीदारी कीइस अवसर पर मंदिरों में भगवान कृष्ण की लीलाओं का मंचन किया गया। जगह-जगह भव्य झांकियां निकाली गईं।लोगों ने दूध,शहद आदि से भगवान श्रीकृष्ण को स्नान कराया और पूजा अर्चना की। बांके बिहारी के आगमन को लेकर मंदिरों की सजावट अद्भुत थी। पुष्प, लताएं, पत्ते, कलियां और बिजली के बल्ब की लड़ियां सब कुछ मिलकर बहुत सुन्दर छटा पैदा कर रही थी। किशन-कन्हैया को भी अलग-अलग नई सुन्दर पोशाक पहनायी गई थी, मोरपंख मुकुट और बांसुरी के साथ उनकी सज्जा काफी आकर्षक थी। जन्मोत्सव पर ठाकुरजी को रेशम, जड़ी और रत्न प्रतिकृति से बनी पोशाक धारण कराई गई थी।

विशेष:-

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवतिभारत ! अभियुत्थानं अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ! परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ! धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे – युगे !! भगवान श्री कृष्ण एक अद्भुत , अलौकिक दिव्य जीवन चरित्र | जो सभी अवतारों में एक ऐसे अवतार थे जिन्होंने यह घोषणा की कि मैं परमात्मा हूँ | गीता का दिव्य उपदेश देते हुए उन्होंने कहा कि – हे अर्जुन ! जब – जब धर्म की हानि होती और अधर्म एवं अधर्मियों का अभ्युदय होता है तब – तब मैं इस धराधाम पर साधुओं (सज्जनों) की रक्षा एवं दुष्टों (दुर्जनों) के विनाश के लिए प्रत्येक युग में आता रहता हूँ | भगवान श्रीकृष्ण समस्त प्राणियों को भोग एवं मोक्ष प्रदान करते हैं | भगवान श्रीकृष्ण एक कुशल योद्धा , एक कुशल राजनीतिज्ञ एवं पिरखर दार्शनिक थे यही कारण है कि आज मात्र भारत देश ही अपितु सम्पूर्ण विश्व में किसी न किसी रूप में उनको आदर्श मानकर पूजा जाता है | यदि मनुष्य नास्तिक भी है तो भी वह भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविन्द से उद्धृत हुई “श्रीमद्भगवद्गीता” से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता | ऐसे थे हमारे भगवान श्रीकृष्ण | जिन्होंने जन्म लेते ही मनुष्य को कर्मयोग की शिक्षा देना प्रारम्भ कर दिया कि यदि आप कर्मयोगी नहीं हैं तो पूतना , तृणावर्त व्योमासुर , अघासुर , बकासुर आदिक राक्षसी प्रवृत्तियाँ आपको जीवित नहीं रहने देंगी | यदि संसार में जीवित रहना है तो इन सभी दुष्प्रवृत्तियों से संघर्ष करने का कर्म करना पड़ेगा | बिना कर्म किये संसार में कुछ भी नहीं प्राप्त किया जा सकता ! जीवन एक संघर्ष है और यदि इस संघर्ष में विजयी होना है तो हमें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाना होगा |

वही उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध श्री रसिक बिहारी मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, दाऊजी महाराज मंदिर के साथ घर-घर झांकी तैयार की जा रही हैं। सोमवार को झांकी की तैयारियों में लोगों को लगा हुआ देखा गया।

वही कहीं कहीं बारिश के कारण दोपहर तक बाजारों में सन्नाटा रहा। दोपहर बाद जैसे ही बारिश बंद हुई, बाजार गुलजार हो गए। लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप फोटो, प्रतिमा, लड्डू गोपाल , बांसुरी, पोशाक, मोर पंख आदि की खरीदारी की। कुछ लोगों ने अपने बच्चों के लिए श्रीकृष्ण की पोशाक खरीदीं। घरों में बच्चों को राधा और कृष्ण के रूप में सजाने की तैयारी चलती रहीं। खूब बिका बाजार में भगवान श्रीकृष्ण सजाने की सामग्रीः :-

उत्तराखंड के कुछ जिलों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पुरे हर्षोल्लास के साथ मनाई। इसके तहत सोमवार को सभी जगह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घरों में लोगों ने व्रत रखते हुए मनमोहक झाकियां सजाईं। पूजा अर्चना और श्रीकृष्ण की गीतों पर लोगों को थिरकते हुए देखा गया।

खूब बिका बाजार में खीरा,फल:-
सोमवार को बाजार में खीरा, अमरूद,सेब और केला की जमकर बिक्री हुई। बाजार में पचास रुपये से लेकर अस्सी रुपये एक केला बिका। इसके साथ ही मोर पंख, श्री कृष्ण की मनमोहक पोशाकें, श्री कृष्ण की चांदी की बांसुरी की भी खूब बिक्री हुई।

राजधानी दिल्ली स्थित के सभी मन्दिरों में कान्हा जी का मनमोहक श्रंगार के साथ साथ झांकियां देखकर लोग भावविभोर हो गये।
वही इस बार कश्मीर में भी ‘श्री कृष्ण जन्माष्टमी’ धूमधाम से मनाई गई। और कश्मीर में भी भगवान श्री कृष्ण की ना जाने कितने वर्षों बाद झांकी निकली गई है।

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