चण्डीगढ़, 17 जुलाई – हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं को पारदर्शी बनाकर लाभ का पैसा सीधा बैंक खातों में डालकर करीब 445 करोड़ रुपए की बचत करने का काम किया है। राज्य सरकार के इन ऐतिहासिक फैसलों से न केवल करोड़ रुपए की राशि की बचत हुई बल्कि विभिन्न योजनाओं के तहत 9.7 लाख से अधिक नकली और अपात्र लाभार्थियों को पहचान भी हुई है। अगर इन लोगों की पहचान न होती तो आने वाले सालों में सरकार का ओर अधिक करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाता। राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि समाज कल्याण के विभिन्न लाभों व सब्सिडी के वितरण को आधार सक्षम डायरैक्ट बैनिफिट ट्रांस्फर के परिणामस्वरूप हरियाणा राज्य को लगभग 445 करोड़ रुपये की बचत हुई है। राज्य सरकार ने लाभानुभोगियों के खाते में सीधे सब्सिडी के आधार सक्षम भुगतान के फलस्वरूप मिट्टी के तेल पर सब्सिडी के मामले में 6 लाख अपात्र एवं नकली लाभार्थियों के नाम हटाए गए हैं, जिससे राज्य को पर्याप्त बचत हुई है। इसके अलावा, 2.2 लाख डुप्लिकेट राशन कार्डों की भी पहचान करके इन्हें रदद किया गया है। इसी प्रकार, सामाजिक पेंषन वितरण के संबंध में 1.5 लाख अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाए गए हैं, जिससे 201 करोड़ रुपये वार्षिक की बचत हुई है। इस बचत का उपयोग जरूरतमंद और वास्तविक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जहां तक छात्रवृत्ति का संबंध है, आधार से जोडऩे के कारण कठोर जांच-पड़ताल से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदनों में 40 प्रतिशत की कमी आई है, जिसके फलस्वरूप 110 करोड़ रुपये की बचत हुई है। राज्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 के दौरान 15 विभागों की 73 स्कीमों की 5916.07 करोड़ रुपये की राशि डी.बी.टी. के अन्तर्गत लाने की हमारी योजना है। हरियाणा के गठन के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और राज्य देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। हरियाणा की उपलब्धियां बहुआयामी रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा 18 वर्ष से अधिक के आयु वर्ग में 109 प्रतिशत आधार नामांकन के साथ देश के अग्रणी राज्यों में एक है। यह लाभ प्रबन्धन और नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए पहचान के रूप में सार्थक उपयोग के लिए एक मजबूत मंच के रूप में कार्य करता है। इस बचत का उपयोग जरूरतमंद और वास्तविक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। अकेले वर्ष 2015-16 के दौरान ही 61 योजनाओं के तहत 13 विभागों द्वारा 32.25 लाख लाभानुभोगियों को डी.बी.टी. और ई.बी.टी. के माध्यम से कुल 1308.98 करोड़ रुपये वितरित किए गए। राज्य की विभिन्न लाभ योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करने और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग के तहत एक डी.बी.टी. प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। यह प्रकोष्ठ आई.टी. आधारित सेवाओं के निरन्तर समन्वय से इन लाभों के हस्तांतरण पर नजर रखेगा। भारत सरकार के पोर्टल के संचालित होने पर इस प्रकोष्ठ को उससे जोडऩे का हमारा प्रस्ताव है। उन्होंंने कहा कि हरियाणा आगामी वर्षों के दौरान ई-गवर्नेंस को और अधिक बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पहले से उठाए गए कदमों के अनुरूप राज्य की सब्सिडी के हस्तांतरण के लिए डी.बी.टी. योजनाओं के तहत शत-प्रतिषत लाभानुभोगियों को लाने की योजना है ताकि बिचैलियों को हटाया जा सके और अपात्र लाभ न ले सकें। राज्य नागरिक सेवा प्रदान करने के भाग के रूप में ई-केवाईसी को सक्रिय रूप से अपनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। यह मॉडल, विशेषकर सांझा सेवा केन्द्रों के माध्यम से सेवा प्रदायगी को तर्कसंगत बनायेगा, जिससे सरकारी सेवाएं प्राप्त करने में होने वाली परेशानियों में अत्याधिक कमी आएगी।