विस्तृत जानकारी:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 13 मार्च 2024 को यह आदेश दिया।
यह मामला गौतमबुद्ध नगर के नोएडा में 2023 में हुई एक पुलिस मुठभेड़ से संबंधित है।
मुठभेड़ में एक युवक की मौत हो गई थी।
मृतक के परिवार ने अदालत में याचिका दायर कर मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग की थी।
अदालत ने पिछले महीने पुलिस आयुक्त से मुठभेड़ के बारे में जानकारी मांगी थी।
पुलिस आयुक्त ने जानकारी देने में विफलता व्यक्त की।
अदालत की टिप्पणी:
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने कहा कि “यह बहुत गंभीर मामला है और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अदालत के आदेशों का पालन नहीं करना चिंता का विषय है।”
उन्होंने कहा कि “यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कानून का शासन बना रहे और अदालत के आदेशों का पालन किया जाए।”
आगे की कार्रवाई:
पुलिस महानिदेशक को अब गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त के आचरण की जांच करनी होगी।
जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या पुलिस आयुक्त ने जानबूझकर जानकारी नहीं दी।
यदि जांच में यह पाया जाता है कि पुलिस आयुक्त ने जानबूझकर जानकारी नहीं दी है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
उदाहरण:
यह मामला पिछले साल हुए एक मामले से मिलता-जुलता है, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि वह एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के आचरण की जांच करें।
उस मामले में भी, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया था।
निष्कर्ष:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह आदेश एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि अदालत राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अदालत के आदेशों का पालन नहीं किए जाने को गंभीरता से लेती है।
यह आदेश यह भी दर्शाता है कि अदालत कानून के शासन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
Sandeep