हरिद्वार : जनपद में डेंगू के प्रभावी नियंत्रण और रोकथाम के लिए जिलाधिकारी ने सोर्स रिडक्शन (स्रोत में कमी) पर कार्य करने की महत्वपूर्णता पर बल दिया है। जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में, उन्होंने मानसून के दौरान डेंगू के बढ़ते खतरे के प्रति सचेत किया और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बरसात से पहले जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिसमें मच्छरों के पनपने वाले स्थानों, डेंगू के लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी साझा की जाए। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने और जल भराव की स्थिति से बचने के लिए नालियों और नालों की सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
विद्यालयों में डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने और निबंध प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया। एनजीओ और स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से जन जागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही गई। स्वास्थ्य विभाग को डेंगू संभावित क्षेत्रों को पहले से चिन्हित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष दत्त ने डेंगू के रोकथाम और बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला और घरों के आसपास साफ-सफाई, पानी के संग्रहण स्थलों को ढंककर रखने, और लार्वा नाशक दवाओं के उपयोग पर जोर दिया। डेंगू रोधी दिवस के रूप में प्रत्येक सप्ताह रविवार को मनाने और जन जागरूकता बढ़ाने की भी सिफारिश की गई।
बैठक में एडीएम पीएल शाह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट देवेश शासनी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, डॉ.राजेश गुप्ता, रेड क्रॉस सोसायटी के डॉ.नरेश चौधरी, एसडीएम गौपाल सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक के माध्यम से डेंगू के खिलाफ एक समग्र और समन्वित प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
संदीप उपाध्याय