देहरादून, 23 मई 2024: वन विभाग ने हाल ही में एक नई वन नियमावली जारी की है, जिसके कुछ प्रावधान विवादों में घिर गए हैं।
नियमावली के मुख्य बिंदु:
- वन्यजीवों के हमले में घायल व्यक्तियों को अब केवल तभी मुआवजा मिलेगा जब वे सरकारी अस्पताल में इलाज करवाते हैं।
- यदि कोई व्यक्ति आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाता है, तो उसे मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
- आयुष्मान योजना के तहत इलाज के दौरान हुई मृत्यु के मामले में भी परिजनों को मुआवजा नहीं मिलेगा।
विपक्ष का आरोप:
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस नियमावली पर कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह नियम गरीब और वंचित लोगों के साथ भेदभावपूर्ण है।
विपक्ष का तर्क है कि:
- उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों में अक्सर वन्यजीवों के हमले होते हैं।
- कई गरीब लोग सरकारी अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते हैं और आयुष्मान योजना का लाभ उठाते हैं।
- नई नियमावली ऐसे लोगों को मुआवजे से वंचित कर देगी, जिनकी इस योजना पर निर्भरता है।
- यह नियम सरकार की गरीबों और वंचितों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
सरकार का पक्ष:
वन विभाग का कहना है कि नई नियमावली पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
शुभम कोटनाला