देहरादून: को केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में दो तहसीलों के नाम बदलने की स्वीकृति, राज्य में राजनीतिक बहस छेड़ने का कारण बन गया है। नैनीताल जिले की कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर श्री कैंचीधाम तहसील और चमोली जिले की जोशीमठ तहसील का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ तहसील करने के इस फैसले को लेकर विभिन्न दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं।
सरकारी दृष्टिकोण:
सरकार का तर्क है कि यह कदम स्थानीय लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांगों और इन क्षेत्रों के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ज्योतिर्मठ हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और श्री कैंचीधाम निरंजनी संप्रदाय का एक प्रमुख केंद्र है।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया:
उत्तराखंड की दो तहसीलों के नाम बदल गए हैं । केंद्र सरकार ने नैनीताल जिले की कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर श्री कैंचीधाम तहसील और जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ तहसील करने पर मुहर लगा दी है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि नाम बदलने की बजाय सरकार धरातल पर लोगों की समस्या पर काम करे।
जिसपर भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि नाम का बड़ा महत्व होता है, और यदि नहीं होता तो यूपीए का नाम बदलकर इंडिया नहीं रखा जाता। कांग्रेस जानती है कि नाम बदलने का बड़ा महत्व होता है। वहीं उत्तराखंड क्रांति दल ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर नाम परिवर्तन से वहां की जनता खुश है तो नाम परिवर्तन स्वागत योग्य है।
विश्लेषण:
यह कदम निश्चित रूप से उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य पर कुछ प्रभाव डालेगा। यह देखा जाना बाकी है कि आने वाले समय में यह कितना स्थायी प्रभाव डालता है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या नाम बदलने से इन क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में कोई वास्तविक सुधार होगा।
शुभम कोटनाला