अल्मोड़ा, : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के बिनसर क्षेत्र में जंगल की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इस भयानक वनाग्नि में चार वन कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है और वायुसेना को आग बुझाने में लगाया गया है।
आग का विकराल रूप:
बिनसर क्षेत्र के घने जंगलों में फैली आग तेज़ी से फैल रही है। आग की तीव्रता और धुएं के कारण बचाव कार्य में भारी दिक्कतें आ रही हैं। वन कर्मियों के वीरतापूर्ण प्रयासों के बावजूद आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था।
वायुसेना का हस्तक्षेप:
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वायुसेना को आग बुझाने में लगाया गया है। वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर भीमताल झील से पानी उठाकर बिनसर के जंगलों में लगी आग पर बरसा रहा है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का सहयोग:
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंचकर वन विभाग के जवानों के साथ मिलकर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही हैं।
अनुमानित नुकसान:
अभी तक आग से हुए नुकसान का आकलन नहीं हो सका है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि करोड़ों रुपये की वन संपदा जलकर खाक हो गई है।
मृतक वन कर्मियों को श्रद्धांजलि:
जंगल की आग बुझाने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले वीर वन कर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई है। उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
आग लगने का कारण:
आग लगने के कारणों की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। प्रशासन द्वारा आग लगने के कारणों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
आगे की रणनीति:
वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वन विभाग के जवानों द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास जारी है। आग पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
यह घटना वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। उत्तराखण्ड शाशन व्यवस्था को प्रशासन द्वारा इस घटना की गहन जांच कर जवाबदेह लोगों पर सख्त कार्रवाई कर एक निर्णायक व्यवस्था करनी चाहिए जिससे बहुमुल्य वन सम्पदा स्थानीय निवासियों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर ऐसी त्रासदी की पुनरावृत्ती को रोका जा सके।
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रिपोर्ट पुष्कर सिंह