ऋषिकेश, 18 जून 2024: भानियावाला-जौलीग्रांट-ऋषिकेश के बीच छह-लेन और चार-लेन सड़क के निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही कब्जा लेने की तैयारी में है। मुआवजा वितरण प्रक्रिया लगभग पूरी होने के बाद, एनएचएआई 21 जून से संबंधित भूमि पर कब्जा करना शुरू कर देगा।
- सड़क का स्वरूप: भानियावाला से एयरपोर्ट तक सड़क छह लेन की होगी, जबकि एयरपोर्ट से ऋषिकेश तक यह फोरलेन में बदल जाएगी।
- कुल लंबाई: 21 किलोमीटर
- प्रभावित क्षेत्र: कन्हारवाला, रानीपोखरी और बड़कोट के प्रमुख बाजार और आबादी वाले क्षेत्र
- कब्जा: 21 जून से शुरू होने की उम्मीद
- मुआवजा: प्रभावितों को मुआवजा वितरित किया जा रहा है
- विवाद: कुछ प्रभावितों को उचित मुआवजा न मिलने की शिकायत
- कुल लागत: अनुमानित 500 करोड़ रुपये
नई सड़क के लाभ:
- यातायात की भीड़भाड़ में कमी: ऋषिकेश एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसके कारण अक्सर यातायात की भीड़भाड़ बनी रहती है। नई सड़क इस समस्या को कम करने में मदद करेगी।
- सुरक्षा में सुधार: सड़क की चौड़ाई बढ़ने से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी और सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम कम होंगे।
- आर्थिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
चुनौतियां:
- भूमि अधिग्रहण: कुछ प्रभावितों को उचित मुआवजा न मिलने की शिकायत है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: सड़क निर्माण से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- निर्माण कार्य में देरी: यदि कोई कानूनी बाधा या विरोध प्रदर्शन होता है, तो निर्माण कार्य में देरी हो सकती है।
निष्कर्ष:
ऋषिकेश-जौलीग्रांट-भानियावाला सड़क का निर्माण क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह यातायात की भीड़भाड़ को कम करने, सुरक्षा में सुधार करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा। हालांकि, भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय प्रभावों से संबंधित कुछ चुनौतियों का समाधान करना होगा।
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