महाकुंभ 2025: साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मेला प्राधिकरण के बीच महाकुंभ 2025 को लेकर बैठक हुई है। बैठक में महाकुंभ के दौरान साधु संतों और अखाड़ों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर चर्चा हुई।
साधु संतों ने अखाड़ों के मठ और मंदिरों के रखरखाव और सौंदर्यीकरण का मुद्दा उठाया, साधु संतों की तरफ़ से कहा गया कि महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु देश और दुनियां भर से आते हैं।
ऐसे में उन्हें जरुरी सहूलियत और सुविधाए उपलब्ध हों, इसको लेकर मेला प्राधिकरण को जरुरी इंतजाम समय से करने चाहिए। इसके साथ ही गंगा और यमुना में स्नान पर्व के मौके पर स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके, इसके भी जरुरी प्रबंध किए जाएं। ख़ास बात यह है कि इस बार के महाकुंभ को ग्रीन कुंभ क्लीन कुंभ बनाने का भी संकल्प लिया गया है।
महाकुंभ के दौरान पूरे मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने में अखाड़ों के संतों की भूमिका भी तय की गई है। ताकि देश और दुनियां से आने वाले श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा सके। वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी अखाड़े के संतों ने मेला प्राधिकरण के सामने कई सुझाव रखे हैं। खास करके शाही स्नान के मौके पर अखाड़े के शिविर से लेकर स्नान घाट तक जरूरी सुरक्षा के इंतेजामत की मांग रखी गई।
महाकुंभ 2025 में भले ही अभी 5 महीने का समय है। लेकिन श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले, इसके लिए योगी सरकार के स्तर से सभी जरूरी इंतजाम किए जाने का निर्देश मेला प्राधिकरण को दिया गया है। मेला प्राधिकरण की तरफ़ से मेला क्षेत्र में पक्के स्नान घाट बनाए जा रहे हैं। साथ ही दूसरी जरुरी प्रबंध भी किए जा रहें हैं। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि महाकुंभ के दृष्टिगत आज जो बैठक में सन्तों के सुझाव आएं हैं उस पर मेला प्राधिकरण आगे की कार्योजना बनाएगा। वहीं एडीजी जोन भानु भास्कर ने बताया कि मेले की सुरक्षा के दृष्टिगत जो सुझाव और मांग संतो की तरफ से की गई है, उस पर पुलिस और प्रशासन के साथ ही मेला प्राधिकरण विचार करके अमल मे लाने का काम करेगा।
रिपोर्ट विमल श्रीवास्तव