चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अमेरिका के एक स्थायी निवासी को अपने ग्रीन कार्ड को पुनः वैध करने के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है। इस फैसले से उन सभी व्यक्तियों को राहत मिलेगी जो विदेश में रहते हैं और भारत में उनके खिलाफ कोई कानूनी मामला चल रहा है।
क्या था मामला?
अमेरिका में रहने वाला एक व्यक्ति वैवाहिक विवाद में फंसा हुआ था। भारत में उसके खिलाफ एक मुकदमा चल रहा था और स्थानीय अदालत ने उसके पासपोर्ट को जारी करने से इनकार कर दिया था। इस व्यक्ति ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और यात्रा की अनुमति मांगी। उसने दलील दी कि अगर उसे यात्रा करने की अनुमति नहीं मिली तो उसका ग्रीन कार्ड रद्द हो जाएगा।
उच्च न्यायालय का फैसला
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए उसे यात्रा की अनुमति दे दी। अदालत ने कहा कि यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और इसे आसानी से छीना नहीं जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने हमेशा कानून का पालन किया है और वह देश से भागने वाला नहीं है।
फैसले का महत्व
यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि कानूनी बाधाओं को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। अदालत ने इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय के कई फैसलों का हवाला दिया और कहा कि यात्रा का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है।
- विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए राहत: यह फैसला उन सभी भारतीयों के लिए राहत की खबर है जो विदेश में रहते हैं और भारत में उनके खिलाफ कोई कानूनी मामला चल रहा है।
- मौलिक अधिकारों का संरक्षण: यह फैसला मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- न्यायपालिका की सक्रियता: यह फैसला न्यायपालिका की सक्रियता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
उच्च न्यायालय का यह फैसला एक महत्वपूर्ण फैसला है जो विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए राहत की खबर है। यह फैसला मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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