उत्तराखंड की संस्कृति और खानपान का जश्न: ‘मीठी-मां कु आशीर्वाद’ 30 अगस्त को रिलीज

29 Aug, 2024
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देहरादून: उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और खानपान को पर्दे पर उतारने वाली फिल्म ‘मीठी-मां कु आशीर्वाद’ 30 अगस्त को रिलीज होने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस फिल्म का लोकार्पण हाल ही में रुड़की में किया गया।

उत्तराखंड में बनी फिल्म मीठी-मां कु आशीर्वाद के आगामी तीस अगस्त से रुड़की के सिनेमा घर में प्रदर्शित करने से पूर्व लोटस होटल में इस फिल्म का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण अवसर पर कांता प्रसाद द्वारा निर्देशित और कलर्ड चेक्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले वैभव गोयल द्वारा निर्मित इस फिल्म को उत्तराखंड के लोगों का दिल छू लेने वाली कहानी शानदार दृश्य एवं भावपूर्ण संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली फिल्म बताते हुए कहा कि यह फिल्म आगामी तीस अगस्त को देहरादून के सेंट्रियो मॉल,ऋषिकेश के रामा पैलेस,विकास नगर के न्यू उपासना सिनेमा,रुड़की के आरआर सिनेमा और कोटद्वार के केए सिनेमा में एक साथ रिलीज होगी।

बाइट कान्ता प्रशाद (फ़िल्म डारेक्टर )

उन्होंने बताया कि फिल्म की शूटिंग उत्तरकाशी के जखोल गांव में की गई है,जहां राजमा और सेब की खेती ने ग्रामीणों को अपनी आजीविका चलाने में सक्षम बनाया है,इसके अलावा अन्य दृश्य देहरादून,हरिद्वार,मुजफ्फरनगर,दिल्ली और नोएडा में फिल्माए गए हैं।पवनदीप राजन और विवेक नौटियाल के गीतों और आदि द्वारा रचित संगीत वाली फिल्म का जीवंत साउंडट्रैक फिल्म में चार चांद लगाता है।फिल्म में मुख्य अभिनेत्री मेघा खुगशाल के साथ मुख्य भूमिका में अभिनेता मोहित घिल्डियाल हैं,जिनके साथ सहायक अभिनेता नवल सेमवाल और पार्थ कोटियाल भी इस फिल्म में नजर आएंगे।

बाइट – मेघा बडवाल (फिल्म कलाकार )

उत्तराखंड की पारंपरिक विरासत तथा रीति-रिवाज और खान-पान पर आधारित इस फिल्म को पहाड़ी राज्य की खानपान परंपराओं की एक अनूठी मिसाल बताते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री सचिन गुप्ता ने कहा कि इस फिल्म में भोजन और लोगों के बीच गहरे संबंध को दर्शाया गया है।इसमें उत्तराखंड के सरल लेकिन पौष्टिक व्यंजन और दर्शकों को पात्रों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका है।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सूरम्य परिदृश्य की पृष्ठभूमि में बनी यह फिल्म मीठी के जीवन को दर्शाती है,जिसमें वह उन चुनौतियों का सामना करती है जो उसे अपना गांव छोड़कर शहर में जाने को मजबूर करती है।

अपने पहाड़ी पारंपरिक व्यंजनों के लिए उपवास का सामना करने के बावजूद मीठी की पाककला की प्रतिभा सड़क किनारे के ढाबे के ग्राहकों से लेकर मास्टर सेफ अली की प्रतियोगिता के जजों तक सभी को मंत्रमुग्ध करती है।फिल्म दर्शकों को एक भावनात्मक यात्रा पर ले जाती है,जिसमें मीठी अपनी विरासत को संरक्षित करने,अतीत के घाव को दूर करने और अपनी पैतृक भूमि पर गर्व करने वाले भविष्य का निर्माण करने का प्रयास करती है।उन्होंने राज्य की सरकार से मांग की कि फिल्म को टैक्स फ्री किया जाए ताकि उत्तराखंड की संस्कृति तथा खानपान और पारंपरिक विरासत को फिल्म के माध्यम से दर्शकों को देखने का अवसर मिले।इस अवसर पर परमेंद्र रावत,मुकेश शर्मा,अंजली रमोला,संदीप नायक,रणवीर चौहान,नेहा रावत,संजय बडोनी,राजेश नौंगाई,राजीव शुक्ला,रोमा पंडित,गढ़वाल सभा अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट,राज्य आंदोलनकारी राजेंद्र रावत,मनोज गोयल,पूर्व गढ़वाल सभा अध्यक्ष मोहनलाल बहुगुणा,मनोज मित्तल, बचन सिंह रौथान,मोहन सिंह रावत व रितु कांडयाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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सीमा कश्यप रुड़की

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