नर्मदापुरम: आगामी 7 दिसंबर को नर्मदापुरम जिले में पहला रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा, जो नर्मदापुरम संभाग के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक श्री विशाल सिंह चौहान ने बताया कि इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य संभाग में निवेश के अवसर पैदा करना और नर्मदापुरम संभाग की विशेषताओं को दुनिया के सामने लाना है।
कॉन्क्लेव में हरदा, बैतूल और नर्मदापुरम जिलों के उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जाएगी और स्थानीय उत्पादों पर आधारित सेक्टोरियम सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस कॉन्क्लेव में पर्यटन, बांस उद्योग, सांगौन, रिन्यूवल एनर्जी और सूक्ष्म लघु उद्योग पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा।
मुख्य कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे और उद्योगपतियों से वन-टू-वन मीटिंग व राउंड टेबल मीटिंग करेंगे। अब तक 4,800 लोगों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराए हैं और विभिन्न इकाइयों का शिलान्यास भी होगा।
कॉन्क्लेव में कनाडा, वियतनाम, मैक्सिको, नीदरलैंड और अन्य देशों के निवेशक शामिल होंगे। निवेशकों के रुकने की व्यवस्था भोपाल और नर्मदापुरम में की गई है। अब तक 30 से 35 कंपनियों ने रिन्यूवल एनर्जी में रुचि दिखाई है।
कलेक्टर सोनिया मीना ने बताया कि नर्मदापुरम जिले में बड़े उद्योग स्थापित हैं और मौहासा में 50 करोड़ और 100 करोड़ की इकाइयों की स्थापना की गई है। रिन्यूवल एनर्जी इकाइयों की स्थापना मौहासा बाबई में फेस-1 में होने की संभावना है।
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रिपोटर, राजेंद्र मालवीय