केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज संसद भवन एनेक्सी में उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जीवन यापन को बेहतर करने के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की ओर से क्रियान्वित की जा रही विकास परियोजना की समीक्षा और इस पर चर्चा करने के लिए मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा और समिति के सदस्य अब्दुल खालिक, रामप्रीत मण्डल, सी. लालरोसंगा और रेबाती त्रिपुरा भी उपस्थिति हुए। सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि चूंकि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र अभी बड़े पैमाने पर कृषि पर निर्भर है ऐसे में सरकार को अधिक रोजगार के अवसरों को सृजित करने के क्रम में और अधिक सक्रिय उपाय करने चाहिए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव लोक रंजन, पर्यटन सचिव अरविंद सिंह, एनईसी सचिव के. मूसा चलई और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय और इसके अधीनस्थ कार्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों और पर्यटन मंत्रालय के साथ-साथ उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में आजीविका से जुड़ी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने वाले विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनुराधा एस. चगती ने पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में आजीविका से जुड़ी वर्तमान समय में चलायी जा रही परियोजनाओं और क्षेत्र के लोगों की आजीविका के उत्थान के लिए शुरू किए जाने वाले संभावित कार्यक्रमों/गतिविधियों पर एक व्यापक प्रस्तुति दी।
बैठक के दौरान रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों के सामूहिक प्रयासों के माध्यम से क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और संपर्क को मजबूत करने के साथ-साथ इसके समग्र विकास के लिए अन्य उपायों के अलावा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए और अधिक प्रयास करने की इच्छा जताई। समिति के अध्यक्ष ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की तेजी से प्रगति और विकास के लिए समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों और प्रतिक्रियाओं को संज्ञान में लिया।