प्रयागराज: तीर्थराज प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। हर साल की तरह इस साल भी गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर हनुमान मंदिर तक पहुंचा और भगवान हनुमान जी का जलाभिषेक किया। इस पवित्र पल के साक्षी बनने हजारों श्रद्धालु मंदिर में एकत्र हुए।
क्या है मान्यता?
मान्यता है कि रावण वध के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौट रहे थे, तब उन्होंने महर्षि भारद्वाज का आशीर्वाद लेने के लिए प्रयागराज आए थे। उस समय भगवान हनुमान जी गंगा के किनारे विश्राम कर रहे थे। तब से माना जाता है कि हर साल गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर हनुमान जी का जलाभिषेक करने आता है। ऐसा न होने पर उस वर्ष अमंगल माना जाता है।
श्रद्धालुओं की भीड़
इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे। गंगा जल के मंदिर में प्रवेश करते ही मंदिर में हनुमान जी और माँ गंगा के जयकारे गूंज उठे। कई चरणों में महाआरती का आयोजन किया गया।
महंत बलबीर गिरी का कहना
मंदिर के महंत बलबीर गिरी ने बताया कि यह एक अद्भुत घटना है और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। शहर के इस मंदिर में हजारों श्रधालुओं की भीड़ उस समय से हनुमान जी और माँ गंगा की जयकारे लगा रही है जब से गंगा जल हनुमान मंदिर में प्रवेश कर रहा था। इस समय तक गंगा जी का जल मंदिर में प्रवेश कर हनुमान जी को शयन करा चुका है और मंदिर में कई चरणों में महा आरती हो रही है श्रधालुओं की भीड़ इस अद्भुत संयोग की साक्षी बनाने के लिए मंदिर के बाहर जमा है। उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान हनुमान जी और माँ गंगा की कृपा सभी पर बनी रहेगी।
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