अमित शाह ने राजस्थान के जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल के रोहिताश बॉर्डर आउटपोस्ट पर सैनिक सम्मेलन को किया संबोधित

05 Dec, 2021
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राजस्थान : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान के जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल के रोहिताश बॉर्डर आउटपोस्ट पर सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया।अमित शाह ने बीएसएफ़ जवानों को सीएपीएफ़ भारत कार्ड भी वितरित किए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर फ़ॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर वहां गतिविधियों की जानकारी ली और बीएसएफ़ जवानों के साथ संवाद किया।इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक भी उपस्थित थे। 

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वे एक रात जवानों के साथ भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बॉर्डर आउटपोस्ट पर बिताएंगे और ये एक प्रयास है आपकी कठिनाइयों को समझकर उन्हें कम करने का। उन्होंने कहा कि यहां से कुछ दूर ही पाकिस्तान के साथ हुए दोनों युद्धों में सेना के साथ मिलकर बीएसएफ़ के जवानों ने वीरता का परिचय दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीएपीएफ़ भारत आयुष्मान भारत योजना का एक हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक बहुत बड़ा निर्णय किया है जिसके तहत सीएपीएफ़ के सभी जवानों और उनके परिवारजनों को भी एक कार्ड दिया जाएगा और वे किसी भी अस्पताल में जाकर उस कार्ड का इस्तेमाल कर अपना और अपने परिजनों का किसी भी बीमारी का इलाज करा सकते हैं। ये एक अत्याधुनिक व्यवस्था है जिससे बीएसएफ़ पर से बहुत बड़ा प्रशासनिक बोझ भी कम हो जाएगा। ना केवल बीएसएफ़, बल्कि सभी सीएपीएफ़ के सभी जवानों और उनके परिजनों के लिए ये व्यवस्था देश के प्रधानमंत्री ने की है। इसके पीछे एक छोटा सा संवेदनशील संदेश है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में जो जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, उनकी और उनके परिवार के स्वास्थ्य की चिंता का बोझ उसके कंधों पर ना रहे। घर में किसी की भी बीमारी की स्थिति में आपकी उपस्थिति के बिना ही उनका इलाज हो सकेगा। 2 दिसंबर तक लगभग 25 लाख कार्ड देशभर के केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दे दिए गए हैं और बीएसएफ़ को आज तक साढ़े चार लाख स्वास्थ्य कार्ड वितरित कर दिए गए हैं। अगले वर्ष फरवरी अंत तक सभी लोगो को उनके परिजनों समेत कार्ड देने का लक्ष्य हम पूरा कर पाएंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को सुधारने का भी प्रयास किया जा रहा है और वर्ष 2024 तक इसमें काफ़ी सुधार होने की उम्मीद है। हम साइंटिफ़िक तरीक़े से ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं जिससे एक साल में कम से कम सौ दिन जवान अपने परिवार के साथ रह पाए। इसके पीछे उद्देश्य है कि जो जवान अपने जीवन का स्वर्णमयी समय देश के लिए समर्पित करते हैं, उनके परिजनों, परिवार और उनकी हर प्रकार की चिंता करना सरकार का सर्वप्रथम दायित्व है।

अमित शाह ने कहा कि ये एक ऐसी पोस्ट है जहां सेना और बीएसएफ़ के जवानों ने वीरता के अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अगर उस वक़्त लोंगोवाल पोस्ट पर वो लड़ाई ना लड़ी गई होती तो युद्ध का परिणाम कुछ अलग ही होता। जिस जज़्बे और बलिदान की भावना और देशभक्ति की उच्चतम पराकाष्ठा के साथ उस दिन जवानों ने जो लड़ाई लड़ी, वो आज भी हमें प्रेरणा देती है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आप अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। आपको कई बार लगता होगा कि बीएसएफ़ की नौकरी क्यों की। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि देश के 130 करोड़ लोग रात को चैन की नींद सोते हैं क्योंकि उन्हें आप पर भरोसा है कि आप सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। हमारे सीएपीएफ़ के जवानों ने हर सीमा पर जिस मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभालकर रखा है, देश की आंतरिक सुरक्षा में और इसे मज़बूत करने के लिए इससे बड़ा योगदान किसी का नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ये भाव सिर्फ़ मेरे मन में नहीं है, बल्कि देश के 130 लोगों के मन में है। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश हर दिशा और क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, अनेक प्रकार के नए आयामों को छूने का हम प्रयास कर रहे हैं। कहीं उद्योग लग रहे हैं, नई शिक्षा नीति पर अमल हो रहा है, ग़रीब कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से ग़रीबों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं, युवाओं को स्टार्टअप के माध्यम से ग्लोबल लीडर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। ये सारे प्रयास इसीलिए हो रहे हैं क्योंकि देश की आंतरिक सुरक्षा को आपने सुनिश्चित किया है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अनेक कल्याणकारी कदम भी भारत सरकार ने उठाए हैं। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना चल रही है, एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों में आरक्षण किया गया है, भारत के वीर निधि से किसी भी जवान की जान जाती है, तो उसके परिवार को सरकार के अलावा भी सहायता देने का काम चल रहा है। अगर कोई जवान विकलांग होता है तो इसके लिए भी ढेर सारी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह सारी योजनाएं चलाकर सरकार ने आपके लिए कुछ किया है ऐसा नहीं है, बल्कि आप जो काम कर रहे हैं सरकार इसका अनुमोदन करने का एक विनम्र प्रयास कर रही है और यह सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि आज जिस कठिन परिस्थिति में आप यहां पर रहते हैं उसको मैंने खुद देखा है, सीमा तक जाकर देखा है और मुझे भरोसा है कि आपकी जितनी कठिनाइयां कम की जा सकें, उतना सरकार ने प्रयास किया है और भी आगे इस दिशा में हम सुनिश्चित प्रयास करेंगे।

अमित शाह ने कहा कि जिस जगह पर आज आप तैनात हो उस जगह को पूरे देश में वीरों की भूमि के नाम से जाना जाता है। सर कटा दिए मगर सर झुकाए नहीं राजस्थान ऐसे ही वीरों की भूमि है। यहां पर एक उज्जवल परंपरा को सेना और बीएसएफ के जवानों ने जारी भी रखा है। कम संख्या में होते हुए भी दुश्मनों के दांत खट्टे किए और विजय प्राप्त की। पराक्रम की पराकाष्ठा वाली 2-3 लड़ाईयां हैं, उनमें से लोंगोवाल बॉर्डर की भी लड़ाई है और पूरा देश जानता है।अमित शाह ने कहा कि आपके जज्बे, समर्पण के लिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं और विश्वास दिलाना चाहता हूं कि बीएसएफ के जवानों के कल्याण लिए जो कुछ भी करने की जरूरत है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार निश्चित रूप से करेगी और इसमें हम जरा भी पीछे नहीं हटेंगे। प्रधानमंत्री जी ने हम सबका मार्गदर्शन किया था कि जहां तक स्वयं नहीं जाते तब तक कठिनाइयों की जानकारी नहीं मिलती है इसीलिए मैं भी आया हूं और मुझे भी बहुत अच्छा लगा है।

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