अमृतसर: ओलंपिक में हॉकी एकाधिकार, अन्य खेलों का पलायन

24 Jul, 2024
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अमृतसर: पवित्र शहर अमृतसर, जो कभी विभिन्न खेलों में युवा प्रतिभाओं का गढ़ हुआ करता था, इस बार ओलंपिक में अपनी चमक खो बैठा है। हॉकी को छोड़कर, किसी अन्य खेल विधा से कोई खिलाड़ी इस बार ओलंपिक में भाग नहीं ले पाया। यह शहर के खेल परिदृश्य के लिए एक बड़ा झटका है और कई सवाल उठाता है।

खेल प्रतिभाओं का पलायन:

यह पहली बार नहीं है जब अमृतसर ने ओलंपिक में अन्य खेलों में अपनी उपस्थिति गंवाई है। पिछले कुछ वर्षों में, एथलेटिक्स, तैराकी, कुश्ती और शूटिंग जैसे खेलों में प्रतिभाओं का पलायन होता रहा है।

कई कारक जिम्मेदार:

इस पलायन के पीछे कई कारण हैं, जिनमें खेल के मैदानों और प्रशिक्षित कोचों की कमी प्रमुख है। शहर में उचित प्रशिक्षण सुविधाओं का अभाव युवा खिलाड़ियों को हतोत्साहित करता है, जो बेहतर अवसरों की तलाश में अन्य शहरों या राज्यों में चले जाते हैं।

सरकारी उदासीनता:

सरकार की ओर से भी उदासीनता देखी जा रही है। खेलों के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित नहीं की जा रही है। खेल अधिकारियों को भी जवाबदेह नहीं ठहराया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप योजनाओं का खराब क्रियान्वयन होता है।

प्रतिभाओं का क्षरण:

इस स्थिति का परिणाम यह है कि अमृतसर अपनी खेल प्रतिभाओं को खो रहा है। युवा पीढ़ी खेलों में रुचि खो रही है, जिससे भविष्य के लिए चिंताएं बढ़ रही हैं।

तत्काल सुधार की आवश्यकता:

यदि अमृतसर अपनी खेल प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित करना चाहता है, तो तत्काल सुधार आवश्यक हैं। सरकार को खेल के मैदानों और प्रशिक्षण सुविधाओं के विकास में निवेश करने की आवश्यकता है। योग्य कोचों की नियुक्ति भी महत्वपूर्ण है।

खेल संस्कृति को बढ़ावा:

शहर में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ठोस पहल की आवश्यकता है। स्कूलों और कॉलेजों में खेलों को अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिए। युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

अमृतसर में खेलों की स्थिति चिंताजनक है। यदि सरकार और खेल अधिकारी तत्काल कदम नहीं उठाते हैं, तो यह शहर अपनी खेल प्रतिभाओं को खो देगा और ओलंपिक में अपनी चमक खो देगा।

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