भारत के दुश्मन खुद-ब-खुद खत्म होते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर्स में से एक अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी हत्या है, जब भारत का मोस्ट वांटेड मारा गया। जबकि इस साल 11 महीने में 11 आतंकी मारे गए। इनके कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अल बद्र जैसे खूंखार आतंकी संगठनों से थे। इनका एक ही मकसद था कि जम्मू-कश्मीर में कैसे आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए? इसके लिए वे आतंक का अड्डा चलाते थे।
खास बात है कि सभी आतंकी गुमनाम हत्यारों के हाथ मारे गए। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भनक तक नहीं लगी। आतंकियों में कोई आतंक की किताब के नाम से मशहूर था तो कोई मुंबई का गुनहगार था।
जम्मू–कश्मीर में आतंकी हमले का था मास्टरमाइंड
वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में हुए आतंकी हमले का वह मास्टरमाइंड था। अकरम गाजी ने कश्मीर से ख्वाजा शाहिद का अपहरण कर लिया था। बाद में पीओके में नियंत्रण रेखा के पास उसका कटा हुआ सिर पाया गया था। वह भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने के मुख्य सूत्रधारों में से एक था। अकरम गाजी भारत के खिलाफ अपने भाषणों में जहरीले बोल बोलता था। वह आतंकियों की केंद्रीय भर्ती सेल का मुख्य सदस्य था। खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर में बाइक सवार बदमाशों ने उसे गोली मार दी। इससे पहले सितंबर माह में एक अन्य लश्कर कमांडर रियाज अहमद की पीओके के रावलकोट में अल कुटूस मस्जिद के बाहर हत्या कर दी गई थी।
हाल ही में मारे गए भारत के अन्य दुश्मन
भारत के दुश्मन विदेशों में लगातार मारे जा रहे हैं। पिछले 10 अक्टूबर को फिदायीन दस्ते के मुख्य संचालक और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ की भी पाकिस्तान के सियालकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह भारत के पठानकोट में वर्ष 2016 में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार था। अभी करीब एक माह पहले भारत के एक अन्य दुश्मन मुफ्ती कैसर फारूक की भी पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी। उसे गुलशन-ए-उमर मदरसे में मारा गया था। वहीं लश्कर के मौलाना जियाउर रहमान को भी हमलावरों ने कराची में गोली मारकर अल्लाह के पास पहुंचा दिया था। जबकि मई माह में खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार को लाहौर में सुबह सैर के दौरान हमलावरों ने गोली मार दी थी। वह अपने घर के पास ही मारा गया था। वहीं कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर व सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था।