कोविड के बाद की समस्याओं के निदान में आयुष दवाएं प्रभावी साबित हुईं: मुंजपारा महेंद्रभाई

01 Sep, 2021
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केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि कोविड के बाद की समस्याओं के निदान में आयुष दवाएं भी प्रभावित साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी अभी भी घात लगाए बैठी है और सभी को सतर्क रहने व कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है।

मंत्री सोमवार को आयुष मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से कोविड-19 के प्रबंधन में आयुष प्रणाली की भूमिका पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’, अगले वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का उत्सव, के तहत आयुष कार्यक्रम की सप्ताह भर चलने वाली श्रृंखला का पहला आयोजन था।

मुंजपारा ने कहा कि आयुष मंत्रालय ओर से कोविड-19 से निपटने के लिए लगातार समय-समय पर प्रोटोकॉल किया गया और गिलोय जैसी दवाओं से लोगों को बहुत लाभ हुआ है। आयुष मंत्री ने कहा, “आयुष पद्धतियों पर कई नैदानिक ​​अध्ययन हुए हैं और इस क्षेत्र में और ज्यादा शोध करने की आवश्यकता है। आयुष मंत्रालय उन लोगों का स्वागत करता है जो आयुष में शोध करना चाहते हैं।”

वेबिनार को संबोधित करते हुए, डी सेंथिल पांडियन, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय ने कहा कि जहां पूरा देश कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी कर रहा है, वहीं आयुष मंत्रालय ने भी इसके लिए एक रूपरेखा बनाई है। उन्होंने कहा कि देश की जनता को व्यापक स्तर पर आयुष प्रणाली के लाभों को पहुंचाने के लिए आने वाले दिनों में आयुष क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार होने की उम्मीद है।

कोविड-19 के हल्के और मध्यम मामलों के प्रबंधन में आयुर्वेद और आयुष की अन्य विधाओं के लाभों के बारे में बताते हुए, डॉ. तनुजा नेसारी, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने कहा कि संस्थान में बने कोविड केंद्र में लोगों के स्वस्थ होने की दर 99 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है। उन्होंने कहा, “कोविड सेंटर में न केवल कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए, बल्कि उनका इलाज करने में लगे डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों में किसी को भी जीवन का नुकसान नहीं हुआ। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कि सभी लोगों ने आयुष प्रोटोकॉल का पालन किया था। मैं खुद आयुष की दवाएं लेती हूं और पिछले दो साल से स्वस्थ हूं।”

वेबिनार में एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. ईश्वर बासव रेड्डी, एनसीएच के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना, सीसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देव पुजारी, सीसीआरएएस के महानिदेशक एन श्रीकांत और विभिन्न संस्थानों के कुलपति भी उपस्थित रहे।

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