देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह निर्णय उच्च स्तरीय समिति की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिसमें निलंबन आदेश को “अवैध” और “अनुचित प्रक्रिया” का उल्लंघन करने वाला बताया गया है।
विवाद का सार:
- आदेश: पिछले महीने, उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1945 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत 14 पतंजलि उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित कर दिया था।
- कारण: निलंबन का कारण विज्ञापनों में किए गए दावों और उत्पादों की गुणवत्ता से संबंधित अनियमितताओं का आरोप था।
- चुनौती: पतंजलि और दिव्य फार्मेसी ने आदेश को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी, यह तर्क देते हुए कि लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
अंतरिम रोक:
- आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगा दी है।
- यह निर्णय उच्च स्तरीय समिति की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें निलंबन आदेश को “अवैध” और “अनुचित प्रक्रिया” का उल्लंघन करने वाला बताया गया है।
- समिति ने अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंप दी है, जो अब इस मामले पर उचित निर्णय लेगी।
अगली कार्रवाई:
- सरकार समिति की रिपोर्ट पर विचार करेगी और आगे की कार्रवाई का फैसला करेगी।
- पतंजलि और दिव्य फार्मेसी को अपनी दवाओं के विनिर्माण को फिर से शुरू करने की अनुमति मिल सकती है।
- यह मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट में भी चल रहा है, जो अंतिम फैसला सुनाएगा।
निष्कर्ष:
पतंजलि दवाओं पर रोक का मामला अभी भी अनिर्णीत है। अंतरिम रोक ने कंपनियों को राहत दी है, लेकिन सरकार और समिति की रिपोर्टों के आधार पर आगे क्या होगा, यह देखना बाकी है।
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Deepa Rawat