उदया तिथि के अनुसार रविवार को भी है भाई दूज। शनिवार से शुरू हुई द्वितीय तिथि। होली के बाद भाई दूज इस साल दो दिन मनाया जा रहा है। दो पूर्णिमा के चलते शनिवार को प्रतिपदा हुई है।
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की द्वितीया तिथि को भाईदूज का पावन पर्व मनाया जाता है।इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 19 मार्च को दोपहर 12:15 मिनट से शुरू होकर 20 मार्च को सुबह 11:10 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से ये त्योहार 20 मार्च रविवार को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ बहनों ने शनिवार को भी अपने भाइयों के टीका किया।
होली के बाद भाई दूज इस साल दो दिन मनाया जा रहा है। कुछ बहनों ने शनिवार को अपने भाइयों को टीका किया तो कुछ बहनें रविवार को टीका करेंगी।भाई को टीका करने के लिए बहनें सूखा नारियल खरीदती हुई दिखीं।हालांकि शनिवार को भाई-दूज मनाने वाली बहनों की संख्या काफी कम रही।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार दो पूर्णिमा होने से भाई—दूज की तिथि में परिवर्तन हुआ है। इस बार दो पूर्णिमा के चलते शनिवार को प्रतिपदा हुई है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो इस दिन बहन के घर जाकर भोजन करने व तिलक कराने से भाई की उम्र लंबी होती है और नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
साथ ही सभी कष्टों का निवारण भी होता है।इस दिन बहनें अपने भाई के जीवन को संकटों से बचाने के लिए व्रत रखकर गणपति और नारायण की पूजा करती हैं और उनसे भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं।भाई का तिलक करने के बाद ही व्रत खोलती हैं।