बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से अब दिल्ली से चित्रकूट की दुरी हुई कम और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, बांदा, औरैया महोबा और इटावा आदि जिलों से होकर गुजरेगा.
उत्तर प्रदेश: बुंदेलखंड को कभी डकैतों के इलाकों के रूप में जाना जाता था, अब बुंदेलखंड नए इतिहास की तस्वीर बनने जा रहा हैं। जिस बुंदेलखंड में रात के वक्त लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते थे, वहां अब गाड़ियां एक ऐतिहासिक सड़क पर चलने को तैयार हो गई हैं। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश का ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे’ बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 11:30 बजे इसका उद्घाटन कर दिया हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने के साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित किया, रिकॉर्ड समय और अनुमानित लागत से कम खर्च में बने इस एक्सप्रेस-वे से न सिर्फ बुंदेलखंड के लोगों को देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंचने में सहूलियत होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी. पीएम मोदी ने 2020 में इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की आधारशिला फरवरी के महीने में ही रख दी थी जिसमे तेज़ी से काम पूरा करते हुए इसे आम जनता के लिए आज पीएम मोदी ने खोल दिया हैं और एक्सप्रेसवे को बनाने में लगभग 14,850 करोड़ रूपये की लागत आई हैं.
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आइए जानते हैं इस एक्सप्रेस-वे की कुछ खास बातें
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के बन जाने से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर और जालौन के लोगों के लिए दिल्ली का सफर आसान हो जाएगा और आपको बता दें कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण से अब चित्रकूट से दिल्ली तक की दूरी सिर्फ 6 घंटे में पूरी हो सकेगी. अभी तक चित्रकूट से दिल्ली पहुंचने में लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. इसमें करीब 12 से 14 घंटे का समय लगता था. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बन जाने की वजह से सफ़र ये दूरी सिर्फ 630 किलोमीटर ही रह जाएगी.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी मिलेगा बढ़ावा
वहीं के स्थानीय लोगों का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण से अब उनके इलाके में उद्योग धंधे लगने के साथ ही मंडियों की भी संख्या बढ़ेगी जिससे की कम समय में फसल को दिल्ली या फिर बड़ी मंडियों तक पहुंचाया जा सकेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा. इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर शुरू होंगे. बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है. इतना ही नहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान आरामदायक और आसान यात्रा के लिए कुल 19 फ्लाई ओवर्स, 224 अंडरपास, 14 बड़े ब्रिज, 286 छोटे ब्रिज और 4 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है. जिससे की 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को बड़ी ही आसानी से पार किया जा सकता है. और 24 घंटे पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस की सुविधा भी उबलब्ध करवाई जाएगी एक्सप्रेस-वे पर कोई पशु न आने पाएं, इसके लिए दोनों तरफ कंटीली तार का बाड़ लगाया गया है. एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 7 लाख पेड़ पौधे भी लगाए जाएंगे.
Edited by: Deshhit news