टिहरी गढवाल : दुबई में आयोजित एशियाई जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में टिहरी के रोहित चमोली ने स्वर्ण पदक जीता है। रोहित के पिता जयप्रकाश चमोली टिहरी जिले के पलाम गांव के रहने वाले हैं। वह कई वर्षों पहले चंडीगढ़ एक होटल में नौकरी करने गए थे, तभी परिवार को भी साथ ले गए। रोहित की एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले रोहित की सफलता देखकर आज परिवार और पूरा क्षेत्र उस पर गर्व कर रहा है। रोहित ने हाईस्कूल की परीक्षा चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल से पास की है।
रोहित के दादा चंद्रमणि चमोली (80) और दादी सत्तू देवी (73) पलाम गांव में रहते हैं। वह गांव में खेतीबाड़ी और पशुपालन करते हैं। रोहित की जीत की खबर मिलते ही दादा-दादी का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जयप्रकाश चमोली ने बताया कि उनके बेटे रोहित ने अपनी जीत का श्रेय परिवार और कोच को दिया है। रोहित ने परिवारीजनों को फोन पर बताया कि देश के सारे लोगों की दुआओं और प्यार ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। वह स्वदेश लौटने के बाद जल्द ही अपने गांव आएगा।
मेडल लाने का किया था वादा
रोहित के पिता जयप्रकाश ने बताया कि एशियाई चैंपियनशिप में जाने से पहले रोहित ने उन्हें मेडल लाने का वादा किया था। कहा कि जूनियर एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर रोहित ने टिहरी के साथ ही पूरे देश का मान बढ़ाया है।
पार्क में सीखे बॉक्सिंग के गुर
रोहित जब पांचवीं कक्षा में था, तो उसके ताऊ की लड़की मीनाक्षी पार्क में बॉक्सिंग सीखती थी। उसे देखकर रोहित ने भी सपना देख लिया कि उसे भी बॉक्सर बनना है। तो रोहित ने भी पार्क में ही बॉक्सिंग सीखना शुरू कर दिया। पंजाब पुलिस में एसआई जोगेंद्र कुमार गरीब बच्चों को पार्क में निशुल्क ट्रेनिंग देते हैं। घर की माली हालत कमजोर होने के कारण रोहित ने पार्क में ही मन लगाकर बॉक्सिंग के गुर सीखे। रोहित के जुनून ने गोल्ड मेडल दिला दिया।