नए आदेश में आरोप पत्र वाले और सजायाफ्ता न्यायिक अधिकारी एसीपी से वंचित रहेंगे
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने करियर प्रगति स्केल (एसीपी) के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। यह आदेश उन न्यायिक अधिकारियों के लिए है जिनके खिलाफ आरोप पत्र हैं या विभागीय जांच चल रही है।
आदेश के मुख्य बिंदु:
- आरोप पत्र और जांच: जिन न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र हैं और विभागीय जांच चल रही है, वे एसीपी के दायरे से बाहर रहेंगे।
- सजा: यदि कोई अधिकारी छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1966 के नियम 10 के तहत सजा की अवधि से गुजर रहा है, तो उसे एसीपी के अनुदान के लिए उपयुक्त नहीं माना जाएगा।
- लंबित मामले: अनुशासनात्मक मामले या आपराधिक मुकदमे वाले अधिकारियों के मामले जांच या मुकदमे के निपटारे तक लंबित रहेंगे।
- दोषमुक्ति: यदि जांच या मुकदमे में अधिकारी दोषमुक्त हो जाते हैं, तो एसीपी के लिए उनकी पात्रता की समीक्षा की जाएगी।
- समयावधि: न्यायिक अधिकारी के 6वें और 11वें वर्ष के कार्यकाल के बाद छह महीने के भीतर एसीपी प्रदान किया जाएगा। देरी होने पर प्रत्येक वर्ष के लिए एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाएगी।
- प्रदर्शन मूल्यांकन: एसीपी के लिए पात्रता, ग्रेडिंग, और लंबित मामलों की संख्या जैसे मापदंडों का निर्धारण किया गया है।
यह आदेश न्यायिक अधिकारियों की प्रदर्शन समीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।