विशाखापत्तनम के एक ‘राम मंदिर’ पर ईसाइयों ने कब्जा करने की कोशिश की है जिसके तहत उस पर ताला लगाकर मंदिर के बाहर ही ईसाई प्रार्थना की गई।
नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के गंगावरम स्थित राम मंदिर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल यहां राम मंदिर पर अवैध कब्जे की बात कही जा रही है. हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया है और इसे अस्वीकार्य अपमान करार दिया है. इतना ही नहीं, साथ ही उन्होंने सभी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
आपको बता दे की मिली जानकारी के मुताबिक विशाखापत्तनम के एक ‘राम मंदिर’ पर ईसाइयों ने कब्जा करने की कोशिश की है जिसके तहत उस पर ताला लगाकर मंदिर के बाहर ही ईसाई प्रार्थना की गई। जिसका विडियो अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। पहले आप इस विडियो पर नजर डालिए कैसे राम मंदिर पर ताला लगकर मंदिर के द्वार के बाहर ही ईसाई प्रार्थना की गई।
बता दे इस विडियो को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर द्वारा शेयर किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि अस्वीकार्य अपमान! सीएम जगन मोहन रेड्डी के धर्मांतरण के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए, एक पादरी द्वारा #गंगावरम में #RamMandir पर अवैध रूप से कब्जा करने और उसमें ईसाई प्रार्थना करने के साथ चर्च द्वारा सीमा पार की जाती है। सभी अपराधी तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हिंदुओं! #RamInsultedInAP के रूप में अपनी आवाज उठाएं!”
दरअसल, इस वीडियो में एक मंदिर के सामने ईसाई प्रार्थना का आयोजन किया जा रहा है. आप देख सकते हैं सुनील देवधर ने वीडियो को ट्वीट करते हुए कैप्शन दिया, “अस्वीकार्य अपमान! इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में राम मंदिर में ताला नजर आ रहा है और कई लोग परिसर में जमा होकर पूजा-पाठ कर रहे हैं. इस वीडियो को लगातार बीजेपी नेता शेयर कर रहे हैं और इस वीडियो को शेयर कर इसे भगवान राम का अपमान बताया जा रहा है। भाजपा के कई नेताओं का कहना है कि राम मंदिर पर एक ईसाई धर्मगुरु का अवैध कब्जा है और ईसाई धर्म की पूजा हो रही है।
वहीँ बिहार के Aurangabad से Member of Parliament Sushil Kumar Singh ने इस विडियो को शेयर करते हुए कहाँ की राम मंदिर पर क़ब्ज़ा बेहद ही शर्मनाक मामला है। CM Jagan Mohan Reddy सरकार के तुष्टिकरण नीति की वजह से आज आंध्रप्रदेश में हिंदुओं के ख़िलाफ़ ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं। दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए एवं साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए की दुबारा ऐसी घटना न घटे।
देश में हो रही इस तरह की घटना बेहद निंदनीय और अपमान जनक है चाहे आप किसी भी धर्म से तालुक रखते है लेकिन ऐसा कोई अधिकार नहीं की आप किसी मंदिर पर कब्ज़ा कर उस मंदिर के बाहर बैठ कर अपने धर्म का प्रचार करे। सरकार को इस मुद्दे की जांच कर जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही करनी चाहिए।