नई दिल्ली: सोमवार को कांग्रेस के नेता गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेसी नेताओं ने जमकर भाजपा पर निशाना साधा। इस बीच कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जिसके बाद उनकी पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी चर्चा में आ गई है।
पीएम मोदी को हटाने से पहले अडानी-अंबानी खत्म नहीं हो सकते – सुखजिंदर सिंह
बता दें, विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह ने कहा कि अगर पीएम मोदी नहीं होंगे तो देश अपने आप बच जाएगा। देश को बचाने के लिए पीएम मोदी को खत्म करना ही होगा। इसके आगे उन्होंने कहा कि अडानी और अंबानी तभी खत्म हो सकते हैं, जब पीएम मोदी नहीं होंगे। पीएम मोदी को हटाने से पहले अडानी-अंबानी खत्म नहीं हो सकते। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि मेरी दुश्मनी अडानी-अंबानी से नहीं है, लेकिन उनको तभी रोक सकते हैं, जब पीएम मोदी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को पता ही नहीं है कि देशभक्ति किसे कहते हैं। देश की आजादी की लड़ाई में पीएम मोदी और अमित शाह के परिवार जेल तक नहीं गए। कांग्रेस के नेता जेल गए और फांसी पर चढ़े।
अडानी-अंबानी मिलकर देश को खोखला कर सत्यानाश कर देंगे – सुखजिंदर सिंह
उन्होंने कहा कि अडानी-अंबानी मिलकर देश को खोखला कर सत्यानाश कर देंगे। कहा कि हमलोग फिर से गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं। अडानी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह भारत में काम कर रहा है। इसलिए इन्हें रोकना होगा। नहीं तो देश का सत्यानाश हो जाएगा। पीएम मोदी खत्म हो जाएंगे तो अडानी और अंबानी भी खत्म हो जाएंगे।
कौन हैं सुखजिंदर सिंह रंधावा ?
पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद जो नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में आया था वो नाम था सुखजिंदर सिंह रंधावा का..काफी दिनों तक ये नाम पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए चर्चाओं में रहा। हालांकि, फिर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में तीन बार विधायक रहे रंधावा को कैबिनेट में जेल और कॉपरेशन मंत्री भी बनाया गया था।
सुखजिंदर सिंह रंधावा को विरासत में मिली है राजनीति
यहीं नहीं, उन्होंने पंजाब सरकार में मंत्री रहते हुए भी कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसके अलावा गुरदासपुर के रहने वाले रंधावा पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। उनके पिताजी संतोख सिंह दो बार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजनीति विरासत में मिली है। वो एक ऐसे परिवार से आते है जिनकी तीन पीढियां कांग्रेस में ही रही है। रंधावा ने अपने पिता के साथ रहकर राजनीति की बारीकियां सीखीं है। रंधावा की पहचान एक आक्रामक नेता के तौर पर ही रही है। 2015 में गुरू गंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पुलिस फायरिंग में मरे 2 युवकों की मौत के मामले में रंधावा ने बादल परिवार के खिलाफ आवाज उठाई थी।
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