दिल्ली सरकार बार-बार अच्छे सड़कों के दावे करती है, लेकिन राजधानी की नरेला विधानसभा में ये दावे हकीकत से कोसों दूर हैं. नरेला, जो दिल्ली की सबसे बड़ी विधानसभा है, में बुनियादी सुविधाओं का बुरा हाल है.
पिछले डेढ़ साल से नरेला में डीएम कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, सब रजिस्ट्रार ऑफिस और वीडियो ऑफिस के पास की मुख्य सड़क पूरी तरह से उखड़ी हुई है. दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पाइपलाइन डालने के बाद से यह सड़क बदहाल हो गई है. इसके अलावा, आईजीएल ने भी इस सड़क पर खुदाई की थी और पीडब्ल्यूडी विभाग को रोड कटिंग का पैसा जमा कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद सड़क की मरम्मत नहीं हुई.
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग 4 किलोमीटर लंबी यह सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. लोगों ने इस मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग और दिल्ली सरकार को कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
दिल्ली सरकार की चुप्पी:
दिल्ली सरकार प्रदूषण को लेकर नए नियम लागू कर रही है, लेकिन अपनी ही विधानसभा में सड़कों की बदहाली पर ध्यान नहीं दे रही है. सड़क खुदाई के दौरान उड़ती धूल से स्थानीय लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
जनता की मांग:
स्थानीय लोग दिल्ली सरकार से मांग कर रहे हैं कि वे जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत करवाएं. लोगों का कहना है कि उन्हें बुनियादी सुविधाएं मिलने का अधिकार है.
समापन:
नरेला विधानसभा में सड़कों की बदहाली दिल्ली सरकार के दावों की पोल खोल रही है. सवाल उठता है कि आखिर क्यों दिल्ली सरकार अपनी ही जनता की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है?
रिपोर्टर प्रदीप सिंह उज्जैन