नई दिल्ली: वैसे तो दिल्ली को भारत की राजधानी कहते है और राजधानी के साथ-साथ पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र माना जाता है। राजधानी होने के कारण भारत सरकार के अनेकों कार्यालय जैसे राष्ट्रपति भवन , संसद भवन यहां तक कि पांडवों और मुगलों जैसे शक्तिशाली लोगों का भी घर था, लेकिन दिल्ली के किस्से जितने सुनने में अच्छे लगते है, अगर अंदर तक जा कर देखे तो उतने ही डरावने और भयानक भी लगते है।
कहते है आज दिल्ली सबसे आगे निकल गई है लेकिन जाचं के अनुसार, दिल्ली क्राइम के मामले में भी नंबर वन पर आ गई है। चाहे वो मामला चोरी का हो, क्राइम का हो, मर्डर का हो, आतकं का हो या फिर रेप का हो। लोगों का मानना है कि दिल्ली पर्यटन का मुख्य केंद्र है लेकिन अगर दिल्ली की एक लड़की रात को अकेले घूमने के लिए निकल जाए तो दिल्ली की सड़कों पर दरिंदे अपनी हवस का शिकार बनाने के लिए नजर लगाए बेठै रहते हैं।
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अब आप दिल्ली कंझावला कांड को ही देख लीजिए। तारीख है 31 दिसंबर, 2022 की जब पूरा देश नए साल का जश्न मना रहा था तब पांच दरिदें 20 साल की अंजली को लगभग 12 किलोमीटर से अधिक दूरी तक अपनी कार से घसीटते रहे, जिससे अंजलि की मृत्यृ हो जाती है।
और जब अंजली का शव पुलिस को मिला तो सबके रोंगटे खड़े हो गए, क्योंकि उसका शव जिस हालत में मिलता था। उससे इंसानियत शर्मशार हो चुकी थी। आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते लेकिन अंजली के तन पर एक भी कपड़ा नहीं था औऱ ना ही इसकी सच्चाई सामने आ पाई है कि अंजली के तन पर एक भी कपड़ा क्यों नही बचा?
दूसरा श्रद्धा हत्याकांड। तारीख है 18 मई 2022. महाराष्ट्र की रहने वाली 27 साल की श्रद्धा वालकर की हत्या उसी के बायफ्रेंड आफताब पूनावाला ने दिल्ली के महरौली में गला दबाकर की थी। हत्या करने के बाद उसने अपने ही हाथों से श्रद्धा के लगभग 35 टुकड़े कर दिए और फिज्र में रख कर रोजाना रात को एक-एक टुकड़े लेकर जंगल में ले जाता था और फेंक देता।
इतना ही नही आफताब इतना बेरहम था कि वो श्रद्धा के धड़ से रोज बातें करता था और उसके थप्पड़ भी मारता था। लगभग 6 महीने बीत जाने के बाद पुलिस को आफताब के बारे में पता चला। तब जाकर पुलिस ने 12 नवंबर 2022 को आफताब को गिरफ्तार किया।
तीसरा है निर्भया कांड। 16 दिसंबर 2012 को पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया अपने एक दोस्त के साथ साकेत में मूवी देखने गई थी। रात काफी ज्यादा हो चुकी थी और घर जाने में देरी हो रही थी। इसलिए दोनों एक बस के अंदर बैठ गए उस बस में पहले से ही 6 लोग थे लेकिन किसे पता था कि उस बस में बैठने पर उनकी जिन्दगी ही बदल जाएगी।
दोनों जब बस में बैठ गए तो अपराधियों ने बस का गेट बंद कर लिया और निर्भया के दोस्त को लोहे की रॉड से खूब मारा और निर्भया को पीछे ले जाकर बहुत ही बेरहमी से उसके साथ चलती बस में रेप किया। रेप करने के बाद दोषियों ने दोनों को झाड़ियों में फेक दिया। ऐसे में एक बाइक वाले ने पुलिस को बुलाया। जिसके बाद दोनों को हॉस्पिटल ले जाया गया। हॉस्पिटल में लगभग 13-14 दिन मौत से लड़ते -लड़ते पीड़िता ने 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया था।
निर्भया जैसे ही बहुत से केस है, जिसके ख्याल से ही रुह तक काप जाती है। निर्भया काडं के लगभग 12, 13 साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली में रह रही महिलाओं को लेकर देश में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। NCRB यानी नेशनल रिकॉर्ड ब्यूरो का डेटा के अनुसार, साल 2021 में भारत में रेप की कुल 31677 घटनाएं हुईं है। मतलब रोज करीब 86 लड़कियां रेप का शिकार होती हैं।
लेकिन पूरे साल में केवल 28.6 प्रतिशत केस में अपराधियों को दोषी करार दिया गया। यानी 100 में सिर्फ 28 अपराधियों को सजा मिली। इस डेटा से अब आप अदाजा लगा ही सकते हैं कि भारत की राजधानी दिल्ली क्राइम में कौन से नंबर पर आती है?