राजधानी दिल्ली के अंदर विकास के दावे लाख किए गए और राजधानी को अगर राजधानी कहा जाए यह भी मुमकिन नहीं
क्योंकि जिस प्रकार के हाल राजधानी के नजर आते हैं इससे ज्यादा अच्छे हाल आप किसी गांव या देहात के हैं और शायद इसी वजह से लोग अपनी छुट्टियों को मनाने के लिए गांव या देहात का रुख करते हैं ताकि वह अच्छा समय अच्छे माहौल बिता सके।
ताजा मामला राजधानी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके का है जहां वार्ड नंबर 50 के मंगोलपुरी रिंग रोड के पास बने DSIDC शेड के हाल किस प्रकार बेहाल है वह आप देख सकते हैं
चलिए हम आपको दिखाते हैं तस्वीरों में मार्केट तो आपने कई देखी होगी बड़े-बड़े मॉल शॉपिंग सेंटर मॉल
पर राजधानी दिल्ली के मंगोल पूरी विधानसभा रिंग रोड के पास G BLOCK में बने एक मार्केट के हाल हम आपको दिखाते हैं किस प्रकार से बेहाल है
तस्वीरों में आप साफ साफ देख सकते है बड़े-बड़े पत्थर और बड़े-बड़े गड्ढे के अलावा मिट्टी से बने मैदान बताते है की विकास की तो रुक गया है लोगों ने बताया कि सालो से विकास की डोर रुक गई है ना ही मार्केट के अंदर किसी प्रकार का कोई विकास नजर आता है ना ही किसी प्रकार का कोई सहूलियत यह हम नहीं जानता कह रही है लोगों ने कैमरे पर बताया लाखों करोड़ों रुपए के फंड जारी किए जाते हैं कागजों में काम हो जाते हैं पर जमीनी हकीकत आपके सामने ही नजर आती है किस प्रकार से इस मार्केट के जो हाल है वह बेहाल है साथ ही साथ यहां के आने वाले कस्टमर ने भी बताया की कई सालों से वह इस प्रकार के हाल देख रहे हैं और मानसून के समय में यह मार्केट कीचड़ दलदल का रूप ले लेती हैं
यह एक कमर्शियल जगह है जहां ज्यादातर गाड़ियां रिपेयर होने का काम होता है वही लोगों ने बताया तकरीबन 10 से 15 साल से वह इस समस्या को झेल रहे हैं मौजूदा सरकार आम आदमी पार्टी की है विधायक आम आदमी पार्टी से राखी बिड़लान जो डिप्टी स्पीकर है इसके बावजूद निगम पार्षद आम आदमी पार्टी के है उसके बावजूद काम नही होते इलाके की विधायक का राखी बिडलान नजर नहीं आती जनप्रतिनिधियों को जनता से कोई मतलब ही नहीं है ।
वही जगह-जगह आप गंदगी के अंबार के साथ-साथ लाखों करोड़ों मच्छर है इलाके के अंदर बीमारियां फैला रहे हैं जिसकी वजह से बीमारियों का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है नाही यह पीने के पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की ऐसे में मूलभूत सुविधाओं से भी लोग वंचित है और पूरे दिन धूल खाने को मजबूर है ।
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वही हम वार्ड नंबर 50 की दूसरी समस्या की बात करें
वार्ड नंबर 50 की जी ब्लॉक स्लम के हाल आप देख सकते हैं किस प्रकार से बेहाल हैं सबसे गंभीर समस्या यहां यह नजर आई बिजली की तारे इस कदर नीचे हैं कि लोगों ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे उन बिजली की तारों को पकड़ कर झूलते हैं इस संदर्भ में इलाके के लोग कई बार कंप्लेंट कर चुके हैं उसके बावजूद किसी प्रकार का समाधान कोई नजर नहीं आया ऐसे में प्रशासन को शायद किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है इसके बाद यह कार्य संपन्न हो पाएगा वही इस इलाके के अंदर देख सकते हैं नालियां खुली है और गंदगी के अंबार है जिस वजह से छोटे-छोटे बच्चे जो है घरों के अंदर टाइफाइड डेंगू मलेरिया जैसी समस्याओं से पीड़ित है ना तो निगम का दस्ता यहां पर काम करता है ना ही विधायक और प्रशासन का यहां कोई रुख है
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वार्ड नंबर 50 की तीसरी समस्या।
तस्वीरों में हम आपको एक ऐसा बस स्टैंड दिखाते हैं जिसे जनता ने बताया कि यह बस स्टैंड तकरीबन सन 1990 का बना हुआ है जिसके बाद से ही इसके हाल बदहाल हो चुके हैं ना ही यह बस स्टैंड किसी काम का है क्योंकि छत इस बस स्टैंड के ऊपर नजर नहीं आता जिससे लोग गर्मी धूप और बारिश से बच सके पत्थर की बनी चादर भी अब खराब हो चुकी है और जो एक बड़ा हादसा बनने वाला है क्योंकि स्टैंड के हाल इस कदर जर्जर है कि यह कभी भी गिर सकता है ऐसे में जरूरत है समय रहते चीजों को संभाल जा सके और उन्हें मेंटेन करके लोगों को सहूलियत दी जा सके दिल्ली का मंगोलपुरी घनी आबादी वाला क्षेत्र है और उसमें भी सबसे व्यस्त मंगोलपुरी बी ब्लॉक बस स्टैंड है क्योंकि एक रास्ता है जहां से मंगोलपुरी में अंदर जाया जा सकता है और वहीं से बाहर जाया जा सकता है वही इस बस स्टैंड के हाल किस कदर बेहाल है वह आप बस स्टैंड की तस्वीर देखकर अंदाजा लगा सकते हैं जगह-जगह पर जंग लगे हुए हैं और बस स्टैंड झुकाने की कगार पर है और कभी भी यह बस स्टैंड गिर सकता है और एक बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकता है ऐसे में प्रशासन को जरूरत है कि समय रहते इस और रुक किया जाए और इसकी मरम्मत की जाए या नया बस स्टैंड लगाया जाए।
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मंगोल पूरी वॉर्ड no 50 की चौथी समस्या की अगर बात करें तो लोगों ने बताया कि इलाके के बी ब्लॉक में तकरीबन 2 साल पहले एक घटना हुई थी जिसमें जमीन धसने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई थी वह गड्ढा आज भी इसी प्रकार से नजर आता है जहां प्रशासन का आज भी कोई रुख नहीं है
ऐसे में लोगों ने कहा इतना समय बीतने के बाद भी इस हादसे में जिन लोगों की मौत हुई थी ना ही उनका कोई मुआवजा मिला है और ना ही कोई आश्वासन और सबसे बड़ी गंभीर समस्या की अगर बात की जाए तो तकरीबन 2 साल बीते घटना को हो गए हैं उसके बावजूद भी गड्ढे के हाल इसी प्रकार से हैं मानसून का मौसम है ऐसे में दोबारा यही जगह एक बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकती है जरूरत है इलाके के अंदर विकास की जिसको लोग तरस रहे हैं प्रशासन आंख मूंदे बैठा है और जनता परेशान है।
जनप्रतिनिधि ले रहे हैं मजे और समस्या की वही है वजह।
राजधानी दिल्ली से रोनित मौर्य की रिपोर्ट