बकौली गांव में एक जमीन के टुकड़े के लिए 25 साल से लड़ रहे डीके जैन को आखिरकार इंसाफ मिला। डीके जैन पहले दिल्ली में रहते थे, लेकिन अब वह मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी एक जमीन का टुकड़ा बकौली गांव के अंदर भी था, जिसे भू माफिया ने धोखाधड़ी कर गांव के लोगों को दिखा दिया। गांव के लोगों ने उस जमीन पर अपने मकान बना लिए।
डीके जैन ने मामला रोहिणी कोर्ट से लेकर दिल्ली की हाई कोर्ट तक ले जाया और आखिरकार 25 साल बाद उन्हें इंसाफ मिला। कोर्ट के आदेश के बाद रेवेन्यू विभाग की टीम ने जमीन का कब्जा दिलाने के लिए जगह पर पहुंची। वहां पर कुछ लोग जेसीबी के सामने आकर खड़े हो गए और दो गाड़ियां भी मकान के अंदर खड़ी कर दी गई। दिल्ली पुलिस ने उन गाड़ियों को कब्जे में लिया।
कोर्ट के ऑर्डर मिलने के बाद जब रेवेन्यू विभाग की टीम कब्जा दिलाने के लिए वहां पर पहुंची तो वहां पर कुछ लोग मौजूद थे जिन्होंने जमकर हंगामा किया और जेसीबी के सामने आकर खड़े हो गए इतना ही नहीं वहां पर दो गाड़ियां भी मकान के अंदर खड़ी कर दी गई जिन्हें दिल्ली पुलिस ने कब्जे मे लेलिया है लेकिन वहां पर मौजूद एक महिला व पुरुष लगातार जेसीबी को चलने से मना करते रहे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी और वहां पर बने मकान बने हुए मकान पर बुलडोजर चला दिया
जो लोग जेसीबी के सामने खड़े थे वह लोग लगातार कह रहे थे कि उन्होंने अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी से इस जमीन को खरीदा है लेकिन भू माफिया उन्हें भोले भाले लोगों को ठग लिया और उन्हें एक फर्जी जमीन का टुकड़ा भेज दिया जिस वक्त प्रशासनिक अधिकारियों की कार्रवाई चल रही थी वहां पर शो अलीपुर सहित रेवेन्यू विभाग के गिरदावर पटवारी तहसीलदार शहीद कई विभाग वहां पर मौजूद थे मकान को तोड़ने के बाद डी के जैन को वहां पर मालिकाना आज जलाया गया I
रिपोर्टर प्रदीप सिंह उज्जैन