मणिपुर : मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार और अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ आज एक वर्चुअल बैठक में मणिपुर विधान सभा के आगामी चुनावों में मतदान तैयारियों की समीक्षा की । मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च, 2022 को समाप्त हो रहा है और राज्य में 60 विधानसभा क्षेत्रों (40 सामान्य, एक अजा और 19 अजजा) में चुनाव होना है।
समीक्षा बैठक के दौरान राजनीतिक दलों – तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनएफपी), नेशनल पीपुल्स पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोग से मुलाकात की। राजनीतिक दलों ने जिन मुद्दों को उठाया, उनमें धन-बल, नाजायज शराब, नशीले पदार्थ का इस्तेमाल और मतदाताओं को डराने-धमकाने जैसे मुद्दे शामिल थे। राजनीतिक दलों ने आग्रह किया कि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिये उम्मीदवारों द्वारा किये जाने वाले खर्च की कड़ी निगरानी की जाये। मतदान-पूर्व हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुये राजनीतिक दलों ने मांग रखी कि मतदान प्रक्रिया के दौरान पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाये और अन्य जरूरी उपाय किये जायें। राजनीतिक दलों ने सबकी सुरक्षा के लिये कोविड प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू करने के बारे में भी अपनी चिंताओं से अवगत कराया।
आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि आयोग ने उनके सुझावों, मुद्दों और चिंताओं का संज्ञान ले लिया है तथा भारत निर्वाचन आयोग राज्य में मुक्त, निष्पक्ष, भागीदारीपूर्ण, समावेशी, प्रलोभन-मुक्त और कोविड सुरक्षित चुनाव कराने के लिये प्रतिबद्ध है।
मतदाताओं को भरमाने के लिये धन और अन्य प्रलोभनों के अत्यधिक इस्तेमाल की समस्याओं के बारे में आयोग ने यह बात दोहराई कि धन-बल और बाहुबल या राज्य मशीनरी के पूर्वाग्रह को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, ताकि मुक्त और निष्पक्ष चुनाव में गड़बड़ी न होने पाये। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि ऐसी गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया जायेगा, जो कड़ी नजर रखेंगे और राज्य में प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करेंगे। श्री चंद्रा ने यह भी बताया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के फौरन समाधान के लिये भारतीय निर्वाचन आयोग की सी-विजिल एप्प का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही टोल फ्री नंबर 1950 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
आयोग ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिये भारत निर्वाचन आयोग चिह्नित संवेदनशील मतदान क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार वेबकास्टिंग/वीडियोग्राफी, केंद्रीय शस्त्र पुलिस बलों की तैनाती तथा पर्यवेक्षकों की सेवायें लेगा।
आयोग ने बताया कि राज्य में पहली बार डाक मतदान सुविधा का विकल्प रखा गया है, जिसके तहत 80 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और कोविड-19 संभावित या पीड़ित व्यक्ति ‘अनुपस्थित मतदाता’ के तौर पर मतदान कर सकते हैं। डाक मतदान एक वैकल्पिक मतदान है और पूर्ण गोपनीय मतदान को सुनिश्चित करता है। उम्मीदवारों के प्रतिनिधि प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहेंगे और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवायी जायेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में 14,565 दिव्यांगजन और 41,867 वरिष्ठ नागरिक (अस्सी वर्ष से अधिक आयु वाले) मतदाता हैं।
इसके बाद आयोग ने प्रशासनिक, लॉजिस्टिक सम्बंधी, कानून व्यवस्था तथा चुनाव सम्बंधी बंदोबस्त के बारे में मुख्य सचिव और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ चर्चा की। आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ शांति व्यवस्था तथा मतदान तैयारियों की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक के दौरान, आयोग ने सभी मतदान कर्मियों के शत प्रतिशत टीकाकरण, मतदान केंद्रों को संक्रमण मुक्त रखने तथा सामाजिक दूरी का पालन करने पर जोर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने मणिपुर के मुख्य सचिव को अपनी चिंता से अवगत कराया कि राज्य में टीकाकरण की रफ्तार बहुत धीमी है। उन्होंने आग्रह किया कि इसमें तेजी लाई जाये।
कोविड सामाजिक दूरी नियमों को ध्यान में रखते हुये आयोग ने कुछ और नियमों का हवाला दिया। परिणामस्वरूप, एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1500 से कम करके 1250 कर दी गई। इस कदम से हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या में कमी आयेगी। मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिया गया कि वह हर मतदान केंद्र पर पेयजल, पानी की सुविधायुक्त शौचालयों, रैम्प, व्हीलचेयरों, बिजली, छायादार स्थानों आदि जैसी बुनियादी जरूरतों की व्यवस्था करें। आयोग ने निर्देश दिया कि ऐसे मतदान केंद्रों को चिह्नित करें, जहां मोबाइल फोन काम नहीं करते, ताकि वहां संचार की वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। कानून व्यवस्था के मुद्दों की समीक्षा करते हुये आयोग ने निर्देश दिया कि राज्य में लाइसेंसी हथियारों को जमा करने में तेजी लाई जाये। यह भी निर्देश दिया गया कि शराब, मादक पदार्थों, मुफ्त चीजों और नकदी बांटे जाने को रोकने का कारगर उपाय करें तथा सुनिश्चित करें कि नाजायज गतिविधियों के कारण निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया पर कोई आंच न आने पाये। मुख्य चुनाव आयुक्त ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कड़ी नजर रखने का आदेश भी दिया, ताकि सीमा से नाजायज आवागमन और घुसपैठ न होने पाये।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि वह मतदान प्रक्रिया के दौरान प्राप्त होने वाली शिकायतों का फौरन समाधान करना सुनिश्चित करें तथा इसके लिये मजबूत प्रणाली बनायें। विशेष सारांश संशोधन 2022 के आधार पर आज मतदाता सूची प्रकाशित की गई है। राज्य में कुल 20,34,966 पंजीकृत मतदाता हैं। राज्य में लैंगिक औसत 2017 के 1046 से बढ़कर 1065 हो गया है और पहली बार मतदान करने वालों (18-19 वर्षीय) की संख्या 38,384 है, जो 2017 के 0.56 प्रतिशत की तुलना में इस बार कुल मतदाताओं का 2.6 प्रतिशत हैं।
समीक्षा बैठक में भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।